हरियाणा में रोज बेवजह 15 लोग गंवा रहे जान, जानें आखिर कौन है जिम्मेदार, HC पहुंचा मामला
हरियाणा में रोज 15 लोगों की बेवजह मौत हो जाती है। राज्य में सड़क हादसों में इन लोगों की मौत होती है। मौत का सबसे बड़ा कारण घायलों को समय पर इलाज नहीं मिलना है।
चंडीगढ़,जेएनएन। हरियाणा में रोजाना 15 लोगों की बेवजह जान चली जाती है। राज्य में सड़क हादसों में हर डेढ़ घंटे में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं, मौत की यह दर हर साल बढ़ रही हैं, लेकिन रोड सुरक्षा के लिए फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। इन मौतों को कारण सड़क सुरक्षा की कमी और घायल लोगों को समय पर इलाज नहीं मिलना है। कागजों में रोड सेफ्टी के लिए राज्य व जिला स्तर पर कमेटियों का गठन कर दिया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर कमेटी ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे लगे कि रोड दुर्घटना में कुछ कमी आई हो। अब यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंच गया है।
इस संबंध में एक वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वकील मोहम्मद अरसद द्वारा दायर याचिका में बताया गया हैं कि राज्य में रोड एक्सीडेंट से जितनी मौत होती हैं, उनमें 90 फीसद से मामलों में समय पर उचित इलाज न मिलने के लोग की जान चली जाती है। इसलिए राज्य के सभी मार्गो पर ट्रामा सेंटर बनाए जाए।
याचिका में बताया गया कि फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस भी सड़क हादसे की एक बड़ी वजह है। सड़कों पर ही जरूरत से ज्यादा ट्रैफिक का बोझ है। हादसों के लिए बदनाम ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करके उन्हें ठीक करने के लिए काम किया जाए। याचिका के अनुसार देश में हर दिन 1374 सड़क हादसे होते हैं जिनमें 400 लोगों की जान चली जाती है। मरने वालों में 54 फीसद लोगों की उम्र 34 साल से भी कम होती है।
याचिका में कहा गया है कि सड़क फीसद हादसों में गाड़ी चलाने वाले की ही गलती होती हैं। सबसे ज्यादा हादसे ओवर स्पीडिंग से हुए। याचिकाकर्ता ने हरियाणा के नूंह-अलवर रोड का हवाला देते हुए बताया कि पिछले दस साल में इस रोड पर 1581 मौत हुईं व 4000 लोग घायल हुए। तकनीकी तौर पर इस रोड में खामी हैं लेकिन फिर भी सरकार रोड सेफ्टी पर काम नही कर रही। हाईकोर्ट सरकार को निर्देश दे कि 11 हजार दुर्घटना संभावित बिंदुओं को सही कराए।
-------
पिछले पांच साल में रोड दुर्घटना का ब्यौरा
साल दुर्घटना मौत घायल
2018 11238 5118 10020
2017 11258 5120 10339
2016 11234 5024 10531
2015 11174 4879 10794
2014 10676 4483 8944