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हरियाणा सरकार हुई मालामाल, जीएसटी से बढ़ी कमाई और दोगुने हुए करदाता

हरियाणा सरकार टैक्‍सों से आय में वृद्धि से मालामाल हो रही है। राज्‍य सरकार की जीएसटी से आय बढ़ी है तो हरियाणा में करदाता भी दोगुने हो गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 10:45 AM (IST)
हरियाणा सरकार हुई मालामाल, जीएसटी से बढ़ी कमाई और दोगुने हुए करदाता
हरियाणा सरकार हुई मालामाल, जीएसटी से बढ़ी कमाई और दोगुने हुए करदाता

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार टैक्‍स से आय में वृद्धि से मालामाल हो रही है। राज्‍य सरकार की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से आय में वृद्धि हुई है और राज्‍य में करदाता दोगुने हो गए हैं। जीएसटी लागू होने के बाद हरियाणा में दो लाख नए करदाता जुड़े हैं। देश की कुल आबादी का ढाई फीसद होने के बावजूद प्रदेश में प्रति व्यक्ति कर संग्रहण राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा अधिक है। राष्ट्रीय औसत संग्रहण जहां 9370.33 रुपये है, वहीं हरियाणा में यह 21 हजार 744.49 रुपये हो गई है।

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जीएसटी से प्रति व्यक्ति कमाई में राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा आगे हरियाणा

वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के अनुसार जीएसटी लागू होने के दो साल के दौरान हरियाणा को 55 हजार 231 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। मूल्य संवर्धन कर (वैट) तथा केंद्रीय बिक्री कर के तहत सवा दो लाख करदाता थे, जो अब सवा चार लाख हो गए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में जीएसटी लागू होने के आठ महीने के दौरान राज्य जीएसटी, केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर तथा सेस सहित कुल संग्रहण 36 हजार 815 करोड़ रुपये रहा। जीएसटी के अंतर्गत राज्य का संग्रहण 10 हजार 178 करोड़ रुपये रहा।

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दो साल में सरकारी खजाने में आया 55 हजार 231 करोड़ रुपये का राजस्व

कैप्टन के मुताबिक वर्ष 2017-18 के दौरान राज्य का संरक्षित राजस्व 13 हजार 200 करोड़ रुपये का रहा जिसमें 1933 करोड़ रुपये के मूल्य संवर्धन कर तथा केंद्रीय बिक्री कर के मामलों की प्रतिपूर्ति होनी थी। इसमें से 1199 करोड़ रुपये प्राप्त हुए तथा 667 करोड़ रुपये की प्राप्ति अस्थायी एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर के निपटान के रूप में हुई।

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2018-19 में जीएसटी संग्रहण 16 हजार 541 करोड़ रुपये रहा जो  8.33 फीसद की वृद्धि दर्शाता है। इस दौरान राज्य का संरक्षित राजस्व 22 हजार 560 करोड़ रुपये का रहा जिसमें 1880 करोड़ रुपये के मूल्य संवर्धन कर तथा केंद्रीय बिक्री कर के मामलों की प्रतिपूर्ति के लिए 2820 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। 2476 करोड़ रुपये की प्राप्ति अस्थायी एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर के निपटान के रूप में हुई।

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