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अम्मू से राजपूतों का किनारा, कहा : उनसे हमारा लेना-देना नहीं

जागरण संवाददाता, पंचकूला : दीपिका पादुकोण की नाक काटने पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित करने के बाद भा

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 05:54 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 11:02 AM (IST)
अम्मू से राजपूतों का किनारा, कहा : उनसे हमारा लेना-देना नहीं
अम्मू से राजपूतों का किनारा, कहा : उनसे हमारा लेना-देना नहीं

जागरण संवाददाता, पंचकूला : दीपिका पादुकोण की नाक काटने पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित करने के बाद भाजपा का मीडिया प्रभारी पद खो चुके सूरजपाल अम्मू से राजपूतों ने भी किनारा करते हुए मोर्चा खोल दिया है। राजपूताना विरासत जागृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूम सिंह राणा, राजपूत नेता जितेंद्र राणा, राकेश चौहान, रवि ठाकुर, अरुण राघव, मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि अम्मू द्वारा शनिवार को पंचकूला में आयोजित स्वाभिमान रैली के दौरान देशद्रोह के आरोप में बंद रामपाल को रिहा करने की मांग की गई थी। इस बारे में पहले नहीं बताया गया था और उन्हें धोखे में रखा गया। रैली केवल संजय लीला भंसाली की फिल्म के विरोध में थी, जिसमें मां पद्मावती को गलत ढंग से पेश किया गया है। उसके अलावा इस रैली में किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी थी। इसके बाद अब अम्मू से राजपूतों का कोई लेना-देना नहीं है। स्वाभिमान रैली में रामपाल समर्थकों के पक्ष में नारेबाजी करने के चलते राजपूत समुदाय अम्मू से नाराज है। भूम सिंह राणा सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि 25 दिसंबर को भिवानी में जो रैली करने की घोषणा उनके मंच से की गई थी, उस रैली में राजपूताना विरासत जागृति मंच का कोई सदस्य व पदाधिकारी हिस्सा नहीं लेगा।

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25 से फूंके जाएंगे भंसाली के पुतले

भूम सिंह राणा ने कहा कि 25 दिसंबर को हरियाणा के हर जिले में राजपूताना विरासत जागृति मंच की ओर से प्रदर्शन किए जाएंगे, संजय लीला भंसाली के पुतले फूंके जाएंगे। जगह-जगह मा पद्मावती पर बनाई गई फिल्म पर हरियाणा में बैन लगाने के लिए प्रदर्शन होगा, यदि हरियाणा में इस फिल्म को बैन नहीं किया गया, तो राजपूत कोई भी कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

..अंदेशा होता तो नहीं चढ़ने देते मंच पर

राजपूत नेताओं ने कहा कि उनके मंच को अम्मू और कुछ अन्य ने गलत प्रयोग किया। यदि हमें इस बात का थोड़ा सा भी अंदेशा होता कि अम्मू राजपूतों के मंच से ऐसी हरकत करने वाले है, तो उन्हे मंच पर ही चढ़ने नहीं दिया जाता। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की कि राजपूतों की भावनाओं का सम्मान करते हुए फिल्म को बैन कर दिया जाए।


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