हरियाणा में पहली बार दो महिलाएं बनीं विज्ञान रत्न, डा. सुशीला मान और इलोरा सेन को मिला सम्मान
Haryana Science Award हरियाणा सरकार ने विज्ञान रत्न पुरस्कार से 11 विज्ञानियों को सम्मानित किया गया है। राज्य में पहली बार दो महिला विज्ञानियों को विज्ञान रत्न सम्मान दिया गया है। राज्यपाल बंगारू दत्तात्रेय ने विज्ञानियों काे सम्मातिन किया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Science Award: हरियाणा में पहली बार दो महिला विज्ञानियों को विज्ञान रत्न पुरस्कार मिला है। डा. सुशीला मान को वर्ष 2020 और डा. इलोरा सेन को वर्ष 2021 के लिए विज्ञान रतन पुरस्कार दिया गया है। इसी तरह डा. पूजा देवी को वर्ष 2019 और डा. कल्पना नागपाल को वर्ष 2021 के लिए युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार मिला है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर चार महिलाओं सहित 11 विज्ञानियों को किया गया सम्मानित
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर सोमवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चार महिलाओं सहित कुल 11 विज्ञानियों को सम्मानित किया। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज विशेष रूप से मौजूद थे। उत्कृष्ट विज्ञानी प्रो. नीरज जैन तथा प्रो. मुकेश जैन को वर्ष 2019 के लिए, प्रो. मोती लाल मदान को वर्ष 2020 के लिए तथा डा. चेतन प्रकाश कौशिक को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के रूप में चार लाख रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र, ट्राफी व शाल भेंट किए गए।
इसी तरह डा. राम तिवारी को वर्ष 2019 के लिए, डा. पवन कुमार व सतीश खुराना को वर्ष 2020 के लिए हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन्हें पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र, ट्राफी व शाल भेंट किए गए।
कार्यक्रम में राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि स्कूल स्तर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का तंत्र विकसित किए जाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुसार इस क्षेत्र में देश को विश्व स्तर पर नईं पहचान मिलेगी। इससे ‘न्यू इंडिया माडर्न इंडिया’ का स्वरूप तैयार होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि महिलाओं को इस पुरस्कार से नवाजा गया है। विज्ञान के क्षेत्र में चार महिलाओं को पुरस्कृत किया जाना अत्यंत गौरवान्वित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 191 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सिटी तथा 85 करोड़ रुपये की लागत से अंबाला में आर्यभट्ट विज्ञान केंद्र स्थापित किया जा रहा है। ये परियोजनाएं विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल बनाने का काम किया है। सरकार द्वारा स्कूल और कालेज स्तर पर विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। कई क्षेत्रों में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश स्तर पर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिले और वे देश की तरक्की के लिए आगे बढ़े।
गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज ने कहा कि भौतिकी में शोध के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा से बुनियादी ढांचा बेहतर बनाया जा रहा है। खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी को बढ़ावा देने के लिए कल्पना चावला की याद में तारामंडल की स्थापना की गई है। इसके अलावा ग्यारहवीं कक्षा से विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक हजार से तीन हजार पांच सौ रुपये तक की छात्रवृत्ति तथा जिला स्तर पर विज्ञान प्रतियोगिताएं और साइंस कान्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। ओलंपियाड में भाग लेने वाले विज्ञान के छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।