पंचकूला हिंसा के मामले में हनीप्रीत व अन्य आरोपितों पर फिर तय नहीं हो पाए आरोप
पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में हनीप्रीत एवं अन्य आरोपितों के खिलाफ गत दिवस भी आरोप तय नहीं हो पाए।
जेएनएन, पंचकूला। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को दोषी करार देने के बाद पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में हनीप्रीत एवं अन्य आरोपितों के खिलाफ गत दिवस भी आरोप तय नहीं हो पाए। इस मामले में अभी 11 आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया जाना है। चालान पेश होने के बाद ही सभी पर एक साथ आरोप तय हो पाएंगे।
मामले की सुनवाई के दौरान हनीप्रीत की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। हनीप्रीत एवं कई आरोपितों के खिलाफ पुलिस द्वारा कोर्ट में चालान दिया जा चुका है, लेकिन एफआइआर नंबर 345 में गिरफ्तार अन्य आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में सप्लीमेंटरी चालान पेश होना बाकी है। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
11 नए आरोपितों का चालान कोर्ट में पेश होने के बाद ही सभी आरोपितों के आरोपों पर बहस की जाएगी और उसके बाद ही हनीप्रीत सहित सभी आरोपितों पर आरोप तय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हनीप्रीत के खिलाफ एफआइआर नंबर 345 में आइपीसी की धारा 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत पुलिस ने केस दर्ज कर रखा है।
मर्डर केस में फिर होगी जांच अधिकारी की गवाही
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर चल रहे पत्रकार छत्रपति और डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मामले में अब सीबीआइ के जांच अधिकारी एमके नारायण की फिर से गवाही होगी। पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में छत्रपति मामले में 24 सितंबर और रंजीत मामले में 25 सितंबर को गवाही होनी है।
गत दिवस इस मामले में सुनवाई आगे नहीं बढ़ सकी, क्योंकि बचाव पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाकर नारायण की गवाही करवाने की इजाजत ली गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से पुन: गवाही के आदेश दिए जा चुके हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ कोर्ट में आदेशों की कॉपी नहीं मिली थी, परंतु अब कॉपी आने के बाद गवाही के लिए तारीख तय कर दी गई है।