Haryana Panchayat Elections: हरियाणा में अब चार चरणों में हाेंगे पंचायत चुनाव, नवंंबर में कराए जाने की तैयारी
Haryana Panchayat Elections हरियाणा में पंचायत चुनाव चार चरणों में होंंगे। पहले चरण में पंचायत समिति के सदस्यों दूसरे चरण में जिला परिषद के सदस्यों तीसरे चरण में सरपंच और चौथे चरण में पंच के चुनाव होंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Panchayat Elections: हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव अब चार चरणों में होंगे। पहले चरण में पंचायत समिति सदस्यों और दूसरे चरण में जिला परिषद सदस्यों के चुनाव कराए जाएंगे। तीसरे चरण में सरपंच और चौथे चरण में पंच पद के लिए मतदान कराया जाएगा। चुनाव नवंबर में कराए जाने की संभावना है।
पहले चरण में पंचायत समिति सदस्यों और दूसरे चरण में जिला परिषद सदस्यों के चुनाव कराए जाएंगे
नवंबर में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में जुटे राज्य चुनाव आयोग ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों सह जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। पंचायती राज संस्थाओं के छठे आम चुनाव को लेकर उपायुक्तों ने राज्य चुनाव आयोग से मतदान दलों के गठन के लिए जिले में कर्मचारियों की कमी की दुहाई देते हुए अलग-अलग चरणों में मतदान करने की मांग की थी।
तीसरे चरण में सरपंच और चौथे चरण में पंच पद के लिए मतदान कराया जाएगा
इसे राज्य चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया। आयोग ने स्पष्ट किया है कि 1000 मतदाताओं के लिए एक बूथ बनाया जाएगा। प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार अधिकारी (एक पीठासीन अधिकारी और तीन मतदान अधिकारी) होंगे। वहीं, पंचायत चुनावों की बढ़ी सरगर्मियां को देख चुनावी रण में उतरने वाले उम्मीदवार भी तैयारियों में जुट गए हैं। संभावित उम्मीदवार अपने समर्थकों की नब्ज टटोलने में जुटे हैं।
जिला परिषदों और ब्लाक समितियों में विभिन्न दलों से जुड़े लोगों ने भी अभी से जनसंपर्क शुरू कर दिया है। प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के लिए कुल 71 हजार 763 पदों पर चुनाव होना है। इनमें 6226 पद सरपंच, 62 हजार 40 पंच, 143 पंचायत समितियों के 3086 सदस्य और 22 जिला परिषदों के 411 सदस्य शामिल हैं।
पंचायत विभाग द्वारा 29 सितंबर तक ग्राम पंचायतों के ड्रा का काम पूरा कर लिया जाएगा। ड्रा का काम पूरा होते ही चुनावी प्रक्रिया तेजी पकड़ेगी। हालांकि अक्टूबर में त्योहारों के चलते 10 छुटि्टयां हैं। इनमें गांधी जयंती, दशहरा और दीपावली सहित अन्य त्योहार शामिल हैं। लिहाजा त्योहारी सीजन खत्म होते ही पंचायती चुनावों के बिगुल बजने की संभावना है।
प्रदेश की 22 जिला परिषदों में पांच जिलों की प्रधानी अनुसूचित जाति के खाते में गई है। इसी तरह 136 पंचायत समितियों में से 32 पंचायत समितियों में अनुसूचित जाति से संबंधित उम्मीदवार प्रधान चुने जाएंगे। लिहाजा विभिन्न पार्टियों से जुड़े लोगों ने सक्रियता बढ़ा दी है। ये लोग न केवल समर्थकों के साथ बैठकें कर चुनावी रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं, बल्कि मतदाताओं से भी संपर्क साध रहे हैं।
जिला परिषद और ब्लाक समिति का ड्रा निकलते ही संभावित उम्मीदवारों ने अपने-अपने क्षेत्र में उम्मीदवारी के पोस्टर चस्पा दिए हैं। इससे दूसरे उम्मीदवारों में भी बेचैनी बढ़नी शुरू हो गई है और वे भी चुनावी मैदान में कूदने की रणनीति बना रहे हैं। फिलहाल ग्राम पंचायतों के ड्रा नहीं निकले हैं, लेकिन गांवों में चुनावी चौपालें सजनी शुरू हो गई हैं।