अंतरराज्यीय जल विवाद निपटाने को केंद्र कर रहा नई नीति पर विचार : अमित शाह
चंडीगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 29वीं बैठक में सात राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्र सरकार राज्यों के जल विवाद सुलझाने को लेकर गंभीर हो गई है। उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 29वीं बैठक में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की ओर से जल विवाद उठाने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इन विवादों के निपटारे के लिए नई नीति पर विचार हो रहा है। बैठक में नशे की बढ़ती समस्या पर भी राज्यों ने चिंता जाहिर की। राज्यों के सुझाव के बाद केंद्र सरकार ड्रग्स तस्करों से निपटने को राष्ट्रीय नीति बनाने पर तैयार हो गया है।
चंडीगढ़ में पांच घंटे चली बैठक में पहुंचे सात राज्यों के मुख्यमंत्री
चंडीगढ़ में करीब पांच घंटे तक चली उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और मुख्य सचिवों ने भागीदारी की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तरी भारत के राज्यों को आहवान किया कि अब समय आ गया है कि जनहित को देखते हुए जल विवाद सुलझाने चाहिए। कई राज्यों में यह विवाद दशकों से चले आ रहे हैं। हरियाणा की मेजबानी में हुई इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भागीदारी की। उन्होंने लद्दाख का भी प्रतिनिधित्व किया।
जल विवाद पर राजनीति न करें, सार्थक रूप से काम करें राज्य : शाह
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल विवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में सहयोग नहीं किया जा रहा है। राजस्थान को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए। गहलोत का समर्थन करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृहमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की। पानी पर विवाद बढ़ा तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुझाव दिया कि यह ऐसा विषय है, जिस पर सभी राज्यों के अपने-अपने तर्क हैं। इसलिए इस मुद्दे पर अलग से बैठक बुलाई जानी चाहिए ताकि स्थिति साफ हो सके। गृह मंत्री ने कहा कि जल विवाद के मुद्दे पर राजनीति की बजाए सार्थक रूप से काम करना होगा। शाह ने गहलोत व मनोहर लाल की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि बहुत जल्द संबंधित राज्यों की संयुक्त बैठक अलग से बुलाई जाएगी।
हरियाणा के एक हजार गांव और लाखों एकड़ जमीन प्यासी : मनोहर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में कहा कि राज्य में पानी की मांग 36 एमएएफ (मीट्रिक एकड़ फीट) है, जबक आपूर्ति केवल 14.7 एमएएफ है। इसके बावजूद हरियाणा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में दिल्ली को यमुना नदी से अपने हिस्से का पानी दे रहा है। एसवाईएल नहर को हरियाणा की जीवनरेखा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब से रावी-ब्यास के पानी में से हरियाणा का पूरा हिस्सा हमें नहीं मिल पा रहा है। पिछले वर्षों में यमुना में पानी की निरंतर कमी हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा के एक हजार से भी अधिक गांव और लाखों एकड़ भूमि आज भी प्यासी है।
हिमाचल व राजस्थान ने बीबीएमबी में हिस्सेदारी मांगी
बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत व हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड (बीबीएमबी) में हिस्सेदारी नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। दोनों राज्यों ने कहा कि बीबीएमबी का सीधा संबंध होने के बावजूद आज तक राजस्थान व हिमाचल को स्थायी सदस्यता नहीं मिल पाई है। हरियाणा व पंजाब द्वारा इस मांग का विरोध नहीं करने पर गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया कि वह प्रस्ताव बनाकर भेजें, जिस पर उचित कार्यवाही की जाएगी।
कैप्टन अमरिंदर ने दिया नेशनल ड्रग पॉलिसी का सुझाव, बाकी राज्य सहमत
पंजाब के मुख्यमंत्रियों कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नशे की बढ़ती तस्करी व युवाओं के इसके चपेट में आने का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी गृहमंत्री के समक्ष पेश की। सभी ने एक सुर में कहा कि राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयास काफी नहीं हैं। अमरिंदर सिंह ने नेशनल ड्रग्स पॉलिसी बनाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्रियों व मुख्य सचिवों की सहमति के बाद अमित शाह ने केंद्र की तरफ से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
जम्मू कश्मीर के हालात पर भी चर्चा
जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किया। मीटिंग के दौरान जेएंडके की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई। लद्दाख और जेएंडके के विकास पर बातचीत हुई। इस बार मीटिंग की मेजबानी हरियाणा ने की।
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