Haryana Municipal Polls: हरियाणा में स्थानीय निकाय के 92 प्रतिशत वार्डों में जीते निर्दलीय पार्षद
Haryana Municipal Polls 2022 हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनाव में 92 फीसदी वार्डोंं पर पार्षद निर्दलीय उम्मीदवार चुने गए हैं। कुल 887 वार्डों में से 815 में निर्दलीय पार्षद बने हैं। भाजपा अपने सिंबल पर 136 वार्डों में पार्षद का चुनाव लड़ी और उसके 60 उम्मीदवार जीते।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Municipal Polls 2022 : हरियाणा के स्थानीय निकाय चुनाव में पार्षद चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों का जलवा रहा। राज्य में 92 प्रतिशत वार्डों में निर्दलीय पार्षद बने हैं। भाजपा के 60 पार्षद बने हैं। जजपा और कांग्रेस वार्डों में पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा था।
भाजपा ने 136 वार्डों में लड़ा था पार्षद चुनाव 60 में जीत हुई हासिल
हरियाणा के स्थानीय निकायों के चुनावों में 887 वार्डों में से 92 प्रतिशत अर्थात815 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। भाजपा ने 136 वार्डों में पार्टी सिंबल पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 60 ने जीत दर्ज की। गठबंधन में शामिल जजपा ने किसी वार्ड में प्रत्याशी नहीं उतारे थे।
गठबंधन के साथी जजपा ने नहीं लड़ा था पार्षद का चुनाव
आम आदमी पार्टी (आप) 133 वार्डों में से केवल पांच, इनेलो 23 वार्डों में से छह और बसपा तीन वार्डों में से एक वार्ड में जीत दर्ज कर सकी। सफीदों (जिला जींद) नगर पालिका के वार्ड नंबर आठ में मतदान के दौरान प्रयोग में लाई गई ईवीएम में तकनीकी खराबी आने के कारण शुक्रवार को पुनर्मतदान होगा। हालांकि इस वार्ड में भी निर्दलीय जीतेगा क्योंकि इस वार्ड में पिंकी रानी और मधु रानी दोनों निर्दलीय उम्मीदवार हैं। इस प्रकार पार्षद पद के लिए कुल 816 निर्दलीय प्रत्याशी जीतेंगे।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि नियमानुसार सभी नगर निकायों में छह महीने के अंदर उपाध्यक्ष का चुनाव होना कानूनन आवश्यक है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो निर्वाचन नोटिफिकेशन की छह माह की अवधि समाप्त होने पर संबंधित नगर निकाय अर्थात नगर परिषद या नगर पालिका को तत्काल प्रभाव से विघटित (भंग) समझा जाएगा।
उन्होंने बताया कि सभी पार्षद चाहे वह किसी राजनीतिक पार्टी से हों अथवा निर्दलीय हों, वह बिना किसी कानूनी अवरोध के पाला बदलने लिए स्वतंत्र हैं। उन पर दल विरोधी कानून लागू नहीं होता।