हरियाणा में फिर एक हुए भाजपा-जजपा, मिलकर लड़ेंगे शहरी निकाय चुनाव, पढ़ें कौन कहां से उतारेगा प्रत्याशी
हरियाणा में कांग्रेस के शहरी निकाय चुनाव से मैदान से हटने के बाद प्रदेश में नए हालात बन गए हैं। दो दौर की मैराथन बैठकों में के बाद भाजपा व जजपा के बीच चुनावी गठबंधन हो गया है। गठबंधन 18 नगर परिषद के चेयरमैन के चुनाव सिंबल पर लड़ेगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के शहरी निकाय चुनाव कांग्रेस द्वारा सिंबल पर नहीं लड़ने के ऐलान के बाद प्रदेश में नई राजनीतिक स्थितियां पैदा हो गई हैं। कुछ दिन पहले तक अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी भारतीय जनता पार्टी व जननायक जनता पार्टी अब मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
दोनों दलों में सत्ता का गठबंधन पहले से है, लेकिन अब चुनावी गठबंधन भी हो गया है। भाजपा व जजपा नेताओं के बीच दो दौर की मैराथन बैठकों के बाद मिलकर गठबंधन पर चुनाव लड़ने का फैसला किया गया।
दोनों दल सत्ता के गठबंधन के बाद बरौदा व ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव मिलकर लड़ चुके हैं। ऐसे में शहरी निकाय चुनाव में भाजपा व जजपा का चुनावी गठबंधन टूटने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे।
चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में हुई इन बैठकों के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और जजपा महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में मिलकर शहरी निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। गठबंधन 18 नगर परिषदों के चेयरमैन का चुनाव मिलकर लड़ेगा।
28 नगरपालिका के चेयरमैन व पार्षद तथा 18 नगर परिषदों के पार्षद का चुनाव बिना सिंबल के लड़े जाएंगे। यानी जहां-जहां पर भाजपा व जजपा के जीतने वाले प्रत्याशी होंगे, वहां आपसी सहमति के बाद उन्हें समर्थन दे दिया जाएगा।
भाजपा ने नगर परिषद की चार सीटें टोहाना, नरवाना, डबवाली और नूंह जननायक जनता पार्टी को दे दी हैं, जबकि 14 नगर परिषद भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, सोहना, हांसी, जींद, झज्जर, कैथल, नारनौल, कालका, पलवल, होडल, गोहाना और बहादुरगढ़ भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई है।
भाजपा द्वारा शुक्रवार को चेयरमैन पद के उम्मीदवार घोषित किये जा जाएंगे, जबकि जननायक जनता पार्टी जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार पहले घोषित कर चुकी है, उनमें बदलाव हो सकता है।
जजपा महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि हम सूची को दोबारा संशोधित करेंगे, लेकिन जब बिना सिंबल के आपसी गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला हो चुका है तो हम उन्हीं प्रत्याशियों को भाजपा की सहमति से अपना समर्थन देंगे, जिनके नाम का ऐलान पूर्व में किया जा चुका है। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि हमारे परिवार की बात है और जिनके टिकट घोषित हो चुके हैं, उन्हें समझाया जाएगा।
कांग्रेस हट गई तो आपस में लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता था
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि शहरी निकाय चुनाव में कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग गई है। उसके मैदान से हटने के बाद ध्यान में आया कि बहुत से स्थानों पर भाजपा व जजपा उम्मीदवार टकरा सकते हैं। इस पर हमने चर्चा की। भाजपा व जजपा सरकार में साझीदार हैं और हमारा गठबंधन है। पहले हमें लग रहा था कि कांग्रेस से हमारी लड़ाई होगी। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर परफारमेंस जरूरी था, लेकिन फिर हमने आपस में बात की और आपस में गठबंधन के साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया। नगर पालिकाओं के चुनाव का फैसला लोकल कमेटियों पर छोड़ दिया गया है।
पहले से घोषित उम्मीदवारों को बिना सिंबल चुनाव लड़ाने की कोशिश करेंगे
जजपा महासचिव दिग्विजय चौटाला का कहना है कि हम और भाजपा दोनों सरकार में साझीदार हैं। पहले भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। फिर उसी आधार पर हमने भी यही फैसला किया, लेकिन चूंकि मैदान में नहीं है तो फिर आपस में टकराने का कोई फायदा नहीं था। हमें चार और भाजपा को 14 सीटें भली ही मिली हैं, लेकिन हम यानी गठबंधन मिलकर सभी 18 नगर परिषद के चेयरमैन की सीटें लड़ेगा और हम जीत हासिल करेंगे। नगर पालिका के चेयरमैन व अन्य वार्डों के चुनाव जिलों में तय होने के बाद लड़े मिलकर ही लड़े जाएंगे, लेकिन उनमें हमारा समर्थन होगा। जिन लोगों को टिकट मिल चुके हैं, हम उन्हें बिना सिंबल के भाजपा से राय कर लड़ाने की कोशिश करेंगे।