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किसानों को मिली बड़ी राहत, 4750 करोड़ रुपये की ब्याज राशि व जुर्माना होगा माफ

सरकार ने किसानों को बड़ी राहत पहुंचाते हुए सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों के लिए एकमुश्त निपटान स्कीम के तहत ब्याज व जुर्माने की 4750 करोड़ रुपये की राशि माफ करने की घोषणा की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 02:09 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 08:56 PM (IST)
किसानों को मिली बड़ी राहत, 4750 करोड़ रुपये की ब्याज राशि व जुर्माना होगा माफ
किसानों को मिली बड़ी राहत, 4750 करोड़ रुपये की ब्याज राशि व जुर्माना होगा माफ

जेएनएन, भिवानी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत पहुंचाते हुए सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों के लिए एकमुश्त निपटान स्कीम के तहत ब्याज व जुर्माने की 4750 करोड़ रुपये की राशि माफ करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से प्रदेश के लगभग दस लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने किसान द्वारा सहकारी बैंको से लिए गए मूल ऋण की अदायगी करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नंवबर 2019 करने की भी घोषणा की है।

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मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज जन आशीर्वाद यात्रा के 12वें दिन भिवानी के लोक निर्माण विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक सहकारी कृषि समितियों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक के ऋणी किसानों को इस घोषणा से सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के खाते इन बैंकों द्वारा एनपीए (नोन प्रर्फोमिंग एकाउंट) घोषित कर दिए गए थे और किसान अपने ऋणों को नया नहीं करवा पा रहे थे अब इस घोषणा के बाद किसान अपनी फसलों के ऋण खातों का चक्र बदलवा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि किसानों को सिर्फ अपनी मूल ऋण राशि ही जमा करवानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए यह ब्याज व जुर्माने की राशि के निपटान के लिए एकमुश्त राहत प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक कृषि एवं सहकारी समितियों से लगभग 13 लाख किसानों ने ऋण ले रखे हैंं, जिनमें से 8.25 लाख किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैंं।

उन्होंने बताया कि पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल कॉपोरेटिव सोसायटी) की फसली ऋणों की चार प्रतिशत ब्याज दर राज्य सरकार वहन करती है और तीन प्रतिशत नाबार्ड वहन करता है। फसली ऋणों की अदायगी समय पर न करने वाले किसानों को पांच प्रतिशत की दर से ब्याज पर पैनल्टी लगाई जाती थी, जो अब पूरी तरह माफ की जाएगी। चार प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से वहन की जाएगी तथा नाबार्ड की तीन प्रतिशत ब्याज की दर में से 1.5 प्रतिशत हरियाणा सरकार तथा 1.5 प्रतिशत पैक्स अपने स्तर पर वहन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैक्स के ऋणी किसानों को इस घोषणा से 2500 करोड़ का लाभ मिलेगा।

इसी प्रकार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से प्रदेश के 85 हजार किसानों ने ऋण लिए हुए हैंं, जिनकी मूल ऋण राशि 1800 करोड़ रुपये बनती है, जिनमें से 32 हजार किसानों के खाते एनपीए हो गए हैंं। उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा 12 से 15 प्रतिशत की ब्याज दर से किसानों को ऋण दिया जाता है। सरकार ने ऐसे किसानों की सहायता के लिए एक कार्य योजना बनाई है, जिसमें पैनल्टी पूरी तरह से माफ कर दी गई है। जिन किसानों ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से पांच लाख रूपये तक का ऋण लिया हुआ है उन्हें दो प्रतिशत ब्याज दर में छूट, पांच से दस लाख रूपये तक के ऋण वाले किसानों को पांच प्रतिशत ब्याज दर में छूट तथा दस लाख से अधिक के ऋण पर दस प्रतिशत ब्याज दर में छूट दी जाएगी। इस पर किसानों का चक्रवृद्धि ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे किसानों को 1800 करोड़ रूपये का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी श्रेणी के हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक (लैंड मोरगेज बैंक) के 1.10 लाख ऋणी किसान हैंं, जिनमें से 70 हजार किसानों के खाते एनपीए घोषित किए जा चुके थे। इन किसानों की मूल ऋण राशि 750 करोड़ रूपये की है तथा ब्याज व जुर्माने की राशि 1400 करोड़ देय बनती है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों के किसानों का पूरा पैनल ब्याज माफ कर दिया गया है। केवल सामान्य ब्याज का 50 प्रतिशत ही किसानों को देना होगा, शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेंगी। लैंड मोरगेज बैंक के किसानों को इस योजना से 450 करोड़ रूपये का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं किसानों को समृद्ध करने के प्रति संजीदा है और पिछले दो सीजन से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि लागत के 50 प्रतिशत लाभ के साथ घोषित किए है। उन्होंंने कहा कि धान व गेहूं की फसलों की खरीद केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम करती है, जबकि अन्य फसलों की खरीद राज्य सरकार अपनी खरीद एजेसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती है।

उन्होंने कहा कि पिछली बार बाजरा, सरसों व सूरजमुखी के एक-एक दाने की खरीद सरकार द्वारा की गई। बाजार भाव अगर कम होता है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतराल की भरपाई राज्य सरकार अपनी भावांतर भरपाई योजना के तहत कर रही है, जैसा कि पिछले सीजन के दौरान सरसों की खरीद में किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य दो हजार रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।

इस अवसर पर सांसद धर्मबीर सिंह, नायब सिंह सैनी व संजय भाटिया, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, विधायक घनश्याम सर्राफ, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, भाजपा के जिलाध्यक्ष नंदराम धानिया, सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) पंकज सेतिया के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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