असुरक्षित वाहनों से रहती है खतरे में जान
सड़कों पर फर्राटा भरते ओवरलोड वाहन अवैध वाहन तथा पंजीकरण की समय सीमा पार कर चुके भारी वाहन असुरक्षित वाहनों की श्रेणी में शामिल हैं जो कि अधिकतर दुर्घटनाओं में शामिल पाए जाते हैं।
जागरण संवाददाता, पलवल : सड़कों पर फर्राटा भरते ओवरलोड वाहन, अवैध वाहन, तथा पंजीकरण की समय सीमा पार कर चुके भारी वाहन असुरक्षित वाहनों की श्रेणी में शामिल हैं, जो कि अधिकतर दुर्घटनाओं में शामिल पाए जाते हैं। कई मामलों में तो इन पर नौसिखिया व नाबालिग चालक होते हैं, जो कि हादसा होते ही वाहन सहित फरार होने को प्राथमिकता देते हैं। फिर चाहे कितनी भी बड़ी घटना घटित क्यों न हो जाए। अभी आगे कोहरे का समय है तो इस प्रकार के वाहन ज्यादातर दुर्घटनाओं को दावत देते हैं।
वाहन चलाने के तमाम मानकों को ताक पर रखकर सड़कों पर धड़धड़ाते वाहन लोगों के लिए काल का पैगाम बन कर मंडराते हैं। सड़क सुरक्षा में लगी संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा पुलिस में दर्ज मुकदमों की पड़ताल की जाए, तो आधे से अधिक मामलों में अनफिट वाहन दुर्घटना का कारण बनते हैं। इस प्रकार के वाहन सड़कों पर कैसे दौड़ते हैं, इसका सही जवाब न तो क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण कार्यालय (आरटीओ) के कर्मचारियों के पास है व न ही पुलिस के पास। पुलिस तो यह कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है कि अनफिट वाहनों पर कार्रवाई करना आरटीओ विभाग के दायरे में है। बिना मानक पूरे किए वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाते। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण इस तरफ पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
- सतेंद्र दूहन, एडीसी व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जो वाहन चालक मानकों पर खरे नहीं उतरते, यातायात पुलिस उन पर सख्ती बरतती है। जिन वाहनों की हैड लाईट, फाग लाईट, पार्किंग लाईट तथा रिफ्लेक्टर में कमी पाई जाती है, उनके चालान किए जाते हैं। भविष्य में कोहरे के चलते दुर्घटनाओं से बचाव के लिए और अधिक सक्रियता से कार्य किया जाएगा।
- रविद्र सिंह, ट्रैफिक थाना प्रभारी