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अध्यापक सीख रहे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाना

अब छोटे बच्चों को शिक्षक खेल- खेल में पढ़ना सिखाएंगे इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 05:12 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:21 AM (IST)
अध्यापक सीख रहे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाना
अध्यापक सीख रहे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाना

संवाद सहयोगी, पलवल : शिक्षा विभाग द्वारा खंड स्तर पर जेबीटी व पीआरटी शिक्षकों को निष्ठा योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें शिक्षकों को पढ़ाते समय आने वाली समस्याओं का हल बताने के साथ-साथ छोटे बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के बारे में बताया जा रहा है।

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अध्यापकों को ट्रेनिग दे रहे मास्टर ट्रेनर मोनिका व हर्ष कुमार ने बताया कि भारतीय शिक्षक विश्व गुरु के रूप में जाने जाते रहे हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली की उपलब्धियों की ख्याति सर्वव्यापी है। शिक्षक समाज के ऊर्जा केंद्र हैं, जो छात्रों के भविष्य को संवारते हैं और उन्हें कल का उपयोगी नागरिक बनाते हैं। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक खंड में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पलवल खंड के राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कैंप में पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें प्रत्येक बैच में 150 शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। शिक्षकों को दिए जाने वाली इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में योग्यता आधारित शिक्षा और परीक्षण, स्कूल को सुरक्षित रखने के उठाए जाने कदम, व्यक्तिगत व सामाजिक गुण को उभारना, शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, ध्यान केंद्रित करने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग शामिल हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी, ईको-क्लब, यूथ क्लब, किचन गार्डन आदि की अधिक से अधिक जानकारी, हर तरह की परिस्थिति में स्कूल में नेतृत्व करने के गुण पर्यावरण से संबंधित जानकारी व प्री-स्कूल, पूर्व व्यावसायिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर प्रशिक्षण के दौरान सुषमा रावत, ललिता तेवतिया, सुनीता शर्मा, राजरानी, सीमा राठी, कल्पना तेवतिया, मनीषा, वंदना वर्मा, मनीषा चौधरी, ज्योति राठी, मंजू रानी, कविता रानी, मोनिका गुप्ता मौजूद थे।

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यह प्रशिक्षण अभियान तीन चरणों में है, जिसमें भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान पर मुख्य रूप से फोकस होता है। शिक्षकों की ट्रेनिग की ऑनलाइन निगरानी की जाती है। छात्रों की क्या परेशानियां हैं, उनको समझने के लिए विशेष फोकस प्रशिक्षण दिया जाता है।

- अनिल शर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी


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