सत्ता के गलियारों में खासी खनक रखते थे संतराज
जागरण संवाददाता, पलवल राजनीति में रसूख रखने वालों की एक आम कहावत होती है कि सत्ता किसी क
जागरण संवाददाता, पलवल
राजनीति में रसूख रखने वालों की एक आम कहावत होती है कि सत्ता किसी की भी हो, वजीर हमारे ही होते हैं बैंसलात में अपना गहरा प्रभाव रखने वाले संतराज पर सटीक बैठती थी। दो बार पंचायत समिति के चेयरमैन तथा एक बार मार्केट कमेटी के चेयरमैन रहे संतराज के पुत्र सोनू बैंसला भी हसनपुर पंचायत समिति के अध्यक्ष रहे हैं। आजकल सोनू पंचायत समिति के सदस्य हैं, तो उनके भतीजे सचिन गाव के सरपंच।
संतराज की सत्ता के गलियारों में ऐसी खनक थी कि किसी समय वे इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के खासुलखास रहे थे। सत्ता बदल कर भूपेंद्र हुड्डा का पास पहुंची को संतराज वहा भी प्रभावशाली भूमिका में दिखे। हुड्डा के पहले कार्यकाल में वे जहा तत्कालीन सासद अवतार सिंह भड़ाना की गलबहिया किए थे तो पार्ट-2 में विधायक करण सिंह दलाल के साथ कदमताल करते हुए हुड्डा के करीबी बन गए। वर्तमान भाजपा सरकार में उनकी केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से खासी छन रही थी। यानि प्रदेश में सत्ता किसी की भी रही हो, संतराज का जलवा कायम ही रहा।
किसी न किसी रुप में सत्ता में वर्चस्व रखने वाले संतराज को उनके गाव के ही तथा घर के समीप रहने वाले सत्ते व उनके परिजनों ने गोलियों से छलनी कर दिया। सत्ते किसी समय संतराज की टीम का ही सेनापति रहा था, तथा हत्या के एक मामले में संतराज ने ही उनका समझौता भी कराया था। मंगलवार की सुबह एक युवक की मौत पर अफसोस जताने तथा एक मामले के निपटारे के लिए पंचायत में शामिल होने के लिए गाव टप्पा गए संतराज पर मौके की ताड़ में बैठे लोगों ने ही गोलियों की बौछार कर दी। हमेशा अपने साथ हथियार रखने वाले तथा एक गनमैन को साथ लेकर चलने वाले संतराज मंगलवार को निहत्थे ही निकवले थे। संग भाई भतीजे तो थे, लेकिन किसी को इस बात का गुमान तक भी नहीं था कि मौत पीछा कर रही है।