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चोरी के मुकाबले 10 फीसद भी नहीं होते बरामद

तमाम प्रयासों के बाद भी वाहन चोरों के सामने पुलिस बेबस सी नजर आ रही है। वाहन चोरी ऐसे अपराध में शामिल हो रहा है, जो कि बहुत ज्यादा घटित होता है। लेकिन पुलिस रिकार्ड के अनुसार चोरी शुदा वाहनों की बरामदगी में पुलिस का रिकार्ड बेहद खराब है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 05:56 PM (IST)
चोरी के मुकाबले 10 फीसद भी नहीं होते बरामद
चोरी के मुकाबले 10 फीसद भी नहीं होते बरामद

- वाहन चोरी के आंकड़े पुलिस को भी करते हैं बेचैन

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संजय मग्गू, पलवल

तमाम प्रयासों के बाद भी वाहन चोरों के सामने पुलिस बेबस सी नजर आ रही है। वाहन चोरी ऐसे अपराध में शामिल हो रहा है, जो कि बहुत ज्यादा घटित होता है। लेकिन पुलिस रिकार्ड के अनुसार चोरी शुदा वाहनों की बरामदगी में पुलिस का रिकार्ड बेहद खराब है। पुलिस आंकड़ों के अनुसार चोर अनुमानत: हर रोज तीन वाहनों पर हाथ साफ कर जाते हैं, जिनमें बहुतायत मोटरसाइकिलों की होती है। पुलिस डायरी के अनुसार वर्ष 2018 में (25 अगस्त तक) जिले भर से चोर 500 वाहनों को चोरी कर ले गए, लेकिन इनमें से पुलिस बरामद कर पाई मात्र 48 यानि कि 10 फीसद से भी कम।

वाहन चोरी के आंकड़ों को देख पुलिस अधिकारी भी बेचैन हैं। चोरी की वारदात दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार थाना व चौकियों के प्रभारियों को आगाह भी किया गया है। सीमित संसाधन होने के बावजूद गश्त तथा नाके भी बढ़ाए गए हैं। लेकिन इस सबके बावजूद भी बेखौफ वाहन चोर लोगों की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई मोटर साइकिल व कार पलक झपकते ही पार कर देते हैं। 2000 से 3500 में बेची जाती हैं चोरी की मोटरसाइकिल

करीब साल भर पूर्व सीआइए ने एक वाहन चोर गिरोह को काबू किया तो पुलिस के समक्ष कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। सीआइए के तत्कालीन प्रभारी नानक चंद हुड्डा के अनुसार उटावड़ निवासी सरगना ने बताया था कि वह केवल चोरी की मोटरसाइकिलों में ही डील करता था। वाहन चोरी कर लाने वालों से 2000 से 3500 रुपये में खरीदा जाता था। चोरों को कहा जाता था कि वे 2013 से नीचे के मॉडल की मोटरसाइकिलें चोरी न करें। वह चोरों से 2013 की मोटरसाइकिल को 2000 रुपये में. 2014 की 2500 में, 2015 की 3000 में व 2016 तथा 17 मॉडल की मोटरसाइकिलों को 3500 रुपये में खरीदता था। आगे वह इन्हें पांच से सात हजार रुपये में बेच देता था। जागरण सुझाव :

- वाहन में सुरक्षा के उपकरण लगवाएं

- वाहन के साथ आए लॉक के साथ अतिरिक्त लॉक भी लगाएं

- अगर पार्किंग की सुविधा हैं, तो वाहन पार्किंग में ही लगाएं

- घर व दुकानों के आस-पास सीसीटीवी कैमरे लगवाएं

- अगर वाहन चोरी हो जाए, तो तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दें वाहन चोरी की बढ़ती वारदातें पुलिस के लिए भी ¨चता का विषय है। सभी थाना प्रभारियों को गश्त का समय बढ़ाने और खुफिया तंत्र मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। वाहन चोरी निरोधक शाखा को भी अधिक सक्रिय किया गया है। नाकेबंदी भी बढ़ाई जाएगी। भविष्य में इसमे सुधार भी दिखाई देगा।

- वसीम अकरम, पुलिस अधीक्षक


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