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डॉक्टर व लेखाकार के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज

पलवल : सतर्कता विभाग ने मैडीकल लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने के लिए पलवल के नागरिक अस्पताल में कार्यरत डाक्टर नरेंद्र मलिक व लेखाकार लोकेंद्र के खिलाफ 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। सतर्कता विभाग को हथीन के गांव गुराकसर निवासी शहाबुद्दीन ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 07:33 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 07:33 PM (IST)
डॉक्टर व लेखाकार के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज
डॉक्टर व लेखाकार के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज

- एमएलआर में हत्या के प्रयास की धारा लगाने के लिए मांगे थे रुपये

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- सतर्कता विभाग ने दर्ज किया मामला, जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई

जागरण संवाददाता, पलवल : सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने मेडिकल लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने के लिए पलवल के नागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉ. नरेंद्र मलिक व लेखाकार लोकेंद्र के खिलाफ 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। सतर्कता विभाग को हथीन के गांव गुराकसर निवासी शहाबुद्दीन ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी।

शिकायतकर्ता शहाबुद्दीन के साथ 25 मई को उसी के गांव के ही तीन लोगों शरीफ, रसीक व शमशु ने मारपीट की थी, जिससे उसके सिर पर चोट आई थी। उसे जब अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया तो ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने उसके सिर में मेडिकल जांच के दौरान चोट नहीं दशाई। इसके बाद शहाबुद्दीन को दिल्ली सफदरजंग ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, वहां सिर में चोट दर्शा दी गई।

इस मामले में शहाबुद्दीन ने 26 जुलाई को सीएम ¨वडो पर डॉक्टर के खिलाफ आरोपितों से पैसे लेकर सिर में चोट न दर्शाने की शिकायत की थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग को घायल का फिर से जिला नागरिक अस्पताल के तीन डाक्टरों के पैनल का एक बोर्ड बनाकर मेडिकल कराने के आदेश दिए गए थे। दर्ज मामले के अनुसार सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप शर्मा ने अस्पताल के तीन डाक्टरों डॉ. यतेंद्र, डॉ. मनीष व डॉ. नरेंद्र मलिक का एक पैनल बनाकर बोर्ड गठित कर दिया। अब बोर्ड को शहाबुद्दीन की डाक्टरी जांच फिर से करनी थी।

शहाबुद्दीन का आरोप है कि बोर्ड में शामिल डॉ. नरेंद्र मलिक ने उससे 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। शिकायत पर विजिलेंस की टीम पलवल आई तथा डॉ. मलिक व लोकेंद्र को साथ भी ले गई, लेकिन विभाग की टीम ने दोनों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार नहीं किया। आरोपितों के खिलाफ सेक्शन-7 के तहत रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन कार्यालय के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी मंगाई गई है। मामले की गहनता से जांच की जाएगी व उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- जयवीर राठी, डीएसपी, विजिलेंस


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