सुशिक्षित समाज : व्यवस्था ने बिगाड़ी व्यवस्था, तो आगे आए समाजसेवी
हथीन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) में जब चार कमरों के निर्माण में व्यवस्था ही आड़े आई तो शहर के समाजसेवी लोगों ने स्कूल की व्यवस्था को ठीक कराने का बीड़ा संभाल लिया। सरकार द्वारा स्कूल में चार कमरों के निर्माण से पल्ला झाड़ने के बाद शहर के समाजसेवियों ने अपने मिलने वालों व दूर-दराज के रिश्तेदारों के सहयोग से करीब 50 लाख रुपये की लागत से स्कूल में चार के बजाय आठ कमरे बनवा दिए। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कमरों के साथ-साथ स्कूल में शुद्ध पानी के लिए आरओ भी लगवाए गए हैं। उनसे नसीहत लेते हुए नगर पालिका ने भी स्कूल में कुछ सुविधाएं मुहैया कराने की योजना पर कार्य शुरू किया है।
संजय मग्गू, पलवल
हथीन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) में जब चार कमरों के निर्माण में व्यवस्था आड़े आई तो शहर के समाजसेवी लोगों ने स्कूल की व्यवस्था को ठीक कराने का बीड़ा संभाल लिया। सरकार द्वारा स्कूल में चार कमरों के निर्माण से पल्ला झाड़ने के बाद शहर के समाजसेवियों ने अपने मिलने वालों व दूर-दराज के रिश्तेदारों के सहयोग से करीब 50 लाख रुपये की लागत से आठ कमरे बनवा दिए। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कमरों के साथ-साथ स्कूल में शुद्ध पानी के लिए आरओ भी लगवाए गए हैं। उनसे नसीहत लेते हुए नगर पालिका ने भी स्कूल में कुछ सुविधाएं मुहैया कराने की योजना पर कार्य शुरू किया है।
पलवल जिला बनने से पूर्व वर्ष 2007 में मेवात विकास प्राधिकरण ने हथीन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चार कमरों के निर्माण के लिए फंड जारी किया था। प्राधिकरण की योजना के तहत निर्माण के लिए डीपीसी, दीवारों के निर्माण व छत डालकर पूर्ण करने तक तीन किश्तों में फंड जारी होना था। दीवार बनने तक की किश्तें तो जारी हो गईं, लेकिन छत डलने से पूर्व ही हथीन पलवल जिले में शामिल हो गया। इसके चलते प्राधिकरण की तरफ से तीसरी किश्त नहीं जारी की गई तथा कमरों की चारदीवारी भी जर्जर हालत में पहुंचने लगी। इसकी सुध शहर के शिक्षाविद सुभाष गोयल व उनके संबंधियों तथा सहयोगियों ओमप्रकाश गोयल, सीपी अग्रवाल, सुभाष गोयल, रूपचंद, सुरेशचंद व राजेंद्र प्रसाद ने ली तथा स्कूल में आठ कमरों का निर्माण कराकर शिक्षा विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। जब हम देखते थे कि बिना छत व प्लास्तर के दीवारें जर्जर हो रही हैं। इन पर पूर्व में लगी लागत भी व्यर्थ हो रही है तो कमरों का निर्माण कराने की योजना बनी। साथियों व दानी सज्जनों का सहयोग मिलता गया तथा दो मंजिलों में आठ कमरों का निर्माण हो गया।
- सुभाष गोयल, समाजसेवी वाकई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों नें मिसाल पेश की है। इन लोगों ने पहले भी स्कूल में कुछ कमरे बनवाए थे। अब नगर पालिका ने भी स्कूल में सभा स्थल व रे¨सग ट्रैक बनवाने की बात कही है, जो कि शिक्षा व खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक सिद्ध होगी।
- रमेशचंद छाबड़ी, ¨प्रसीपल, राजकीय विद्यालय हथीन