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मोक्ष सिद्धि के लिए मिली है मानव योनि

संवाद सहयोगी, पलवल : आर्य समाज समिति धतीर के तत्वावधान में यज्ञानुष्ठान व सत्संग का आयोजन किया गय

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Dec 2017 04:30 PM (IST)Updated: Sun, 24 Dec 2017 04:30 PM (IST)
मोक्ष सिद्धि के लिए मिली है मानव योनि
मोक्ष सिद्धि के लिए मिली है मानव योनि

संवाद सहयोगी, पलवल : आर्य समाज समिति धतीर के तत्वावधान में यज्ञानुष्ठान व सत्संग का आयोजन किया गया। यज्ञ लालचन्द दीक्षित ने संपन्न कराया। इस अवसर पर महात्मा श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की सिद्धि के लिए मानव योनि मिली है। हम जीवन के मूल उद्देश्य को छोड़कर अपना धन व समय व्यर्थ के कामों में बर्बाद करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि काम व अर्थ की सिद्धि करने के लिए धर्म पूर्वक पुरुषार्थ करना चाहिए।

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उन्होंने बताया कि वैदिक धर्म के अनुसार कर्म करते हुए सौ वर्ष तक जीने की इच्छा करनी चाहिए। जो सुकर्म करते हैं उन्हें आर्य कहते हैं और जो दुष्कर्म करते हैं उन्हें दस्यु कहते हैं। सुकर्मो से ईश्वर के आनन्द की प्राप्ति होती है और मानव जीवन का लक्ष्य आनन्द की प्राप्ति है।

महात्मा श्रद्धानंद ने कहा कि सत्याचरण से, ब्रह्मचर्य के पालन करने से और यर्थाथ ज्ञान से ईश्वर का साक्षात्कार होता है। इस अवसर पर ओमप्रकाश आर्य, महाशय शिवराम, चंदरलाल, रमेशचंद, सुखराम आर्य, डालचंद डागर, कुमारी रचना, धर्मवीर, धर्मेंद्र आदि उपस्थित थे।


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