संस्कृत को बढ़ावा देगी हरियाणा सरकार : शिक्षा मंत्री
पलवल : भारत विकास परिषद हरियाणा दक्षिण प्रांत द्वारा राजमार्ग स्थित सरस्वती विद्यालय में ¨हदी तथा संस्कृत राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा बतौर मुख्य अतिथि तथा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।
- भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित समूहगान प्रतियोगिता में दिया संबोधन
जागरण संवाददाता, पलवल : भारत विकास परिषद हरियाणा दक्षिण प्रांत द्वारा राजमार्ग स्थित सरस्वती विद्यालय में ¨हदी तथा संस्कृत राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा बतौर मुख्य अतिथि तथा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेट कर स्वागत व्यक्त किया।
समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षामंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि संस्कृत देववाणी है। संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के आगामी सत्र में कक्षा छठी से 10वीं तक अनिवार्य किया जाएगा। हरियाणा शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर ही संस्कृत शिक्षा बोर्ड बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने जिला कैथल में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय का निर्माण करवाया है।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से ग्रामीण आंचल से छिपी हुई प्रतिभाएं उभरकर सामने आती हैं तथा बच्चों में देशभक्ति व देशप्रेम की भावना जागृत होती है। भारत विकास परिषद ने इस प्रतियोगिता का आयोजन करके बच्चों की प्रतिभा को निखारने का कार्य किया है।
समूह गान प्रतियोगिता में 15 टीमों में 150 के करीब बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगी टीमों में रोहतक की छह, फरीदाबाद व गुरुग्राम की दो-दो, पलवल, गन्नौर, सांपला, बहादुरगढ व नारनौल की एक-एक टीम शामिल रहीं। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार वधवा, प्रांतीय अध्यक्ष एसएन बंसल, प्रांतीय महासचिव अनिल मोहन मंगला, प्रांतीय संयोजक प्रवीण ¨सघल, केंद्रीय पर्यवेक्षक डा. वासुदेव बंसल, पलवल के अध्यक्ष हेमचंद मंगला, सतीश कौशिष, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान सुभाष शर्मा, अविनाश शर्मा, उपशिक्षा अधिकारी अशोक बघेल मुख्य रूप से मौजूद थे।