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हाइटेक होगी पलवल पुलिस, बॉडी कैमरों से लैस होंगे जांच अधिकारी

साइबर युग में जहां बदमाश वारदातें करने व उसके बाद खुद को बचाने के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, पुलिस भी तफ्तीश के अपने पुराने तरीके को बदल रही है। इसी कड़ी में पलवल की पुलिस भी हाईटैक होते हुए संगीन मामलों की जांच के लिए जाते समय कैमरों का इस्तेमाल करेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 04:48 PM (IST)
हाइटेक होगी पलवल पुलिस, बॉडी कैमरों से लैस होंगे जांच अधिकारी
हाइटेक होगी पलवल पुलिस, बॉडी कैमरों से लैस होंगे जांच अधिकारी

संजय मग्गू, पलवल

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साइबर युग में जहां बदमाश वारदातें करने व उसके बाद खुद को बचाने के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, पुलिस भी तफ्तीश के अपने पुराने तरीके को बदल रही है। इसी कड़ी में पलवल की पुलिस भी हाईटैक होते हुए संगीन मामलों की जांच के लिए जाते समय कैमरों का इस्तेमाल करेगी। संदेहास्पद मामलों की जांच या ऐसे मामले जिनमें कि लोगों द्वारा किसी प्रकार का बखेड़ा खड़ा करने की उम्मीद हो, तफ्तीश के लिए जाते समय जांच अधिकारी (आइओ) बॉडी कैमरों का इस्तेमाल करेंगे। इन कैमरों को इंटरनेट के माध्यम से संबंधित थाना प्रभारी के कक्ष से भी कनेक्ट किया जाएगी। पुलिस की तफ्तीश में यह कैमरे खासे सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

किसी भी मामले की तफ्तीश के दौरान पुलिस के समक्ष सबसे बड़ी परेशानी यह सामने आती है कि लोग कहते हैं कि उन्होंने कहा कुछ और था तथा पुलिस ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया। इसके अलावा कई बार जांच के दौरान पुलिस द्वारा भी लोगों पर कई प्रकार के आरोप लगाए जाते हैं। दोनों ही मामलों में जब जांच होती है तो क्योंकि कोई मौके के गवाह नहीं होते, इसलिए किसी भी शिकायत को निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंचने में काफी पेचीदगियों का सामना करना पड़ ताता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने विकल्प के तौर पर बॉडी कैमरों का चयन किया है। क्या हैं बॉडी कैमरे :

बॉडी कैमरे बहुत ही सूक्ष्म होते हैं तथा इनकी पिक्सल क्षमता बेहतरीन होती है। इन्हें शरीर पर पहने कपड़ों के साथ लगा लिया जाता है। विशेषकर इन्हें शर्ट के बटन, कफ व कॉलर के आसपास लगाया जाता है, ताकि यह सामने किसी को नजर न पड़े। इन कैमरों को खुफिया कैमरा भी कहा जा सकता है, जिन्हें स्टिंग ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दिल्ली व एनसीआर के काफी हिस्सों की पुलिस के पास पहले से ही इनकी सुविधा उपलब्ध है। पुलिस के लिए गंभीर केसों की तफ्तीश के दौरान इनकी खासी अहमियत समझी जाती है। कई बार ऐसा होता है कि पुलिस के समक्ष लोग कुछ कहते हैं व बाद में कुछ और बयान देते हैं। ऐसे में जांच को निर्णयात्मक मुकाम तक पहुंचाना पुलिस के लिए चुनौती बन जाता है। बॉडी कैमरे ऐसे में पुलिस के लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं। पहले चरण में 10 कैमरे मंगाए जा रहे हैं, जिन्हें कि सभी थानों में एक-एक कैमरा दिया जाएगा।

- वसीम अकरम, पुलिस अधीक्षक जांच अधिकारियों के लिए कैमरे दिए जाना किसी भी जांच में पारदर्शिता के संकेत है। कई बार लोग तफ्तीश के दौरान पुलिस के जांच अधिकारियों पर झूठे आरोप लगा देते हैं तो कई बार जांच अधिकारी आला अधिकारियों को गलत रिपोर्ट पेश करते हैं। कैमरे के सामने जांच होने से दोनों ही प्रकार की शिकायतों में कमी आएगी।

- नरेश शर्मा, एड़वोकेट


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