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पराली जलाए जाने पर बांसवा की बिजली-पानी बंद

पर्यावरण संरक्षण के मामले पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। शनिवार को होडल खंड के गांव बांसवा में खेत में पराली जलाए जाने पर मौके पर पहुंचे सरकारी ने किसान कल्लू पुत्र दलीप ¨सह पर जुर्माना लगाया गया तथा एफआइआर भी दर्ज कराई। जिला उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने इससे भी सख्त कार्रवाई करते हुए एक दिन के लिए गांव बांसवा का बिजली-पानी जैसी मूलभूत जनसुविधाएं भी बंद करा दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 05:32 PM (IST)
पराली जलाए जाने पर बांसवा की बिजली-पानी बंद
पराली जलाए जाने पर बांसवा की बिजली-पानी बंद

- जिला उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

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- कांग्रेस विधायक ने एक किसान की सजा पर सारे गांव को दंडित किए जाने को दिया गलत करार

- एक घंटे बाद जिला प्रशासन ने शुरू कराई जनसुविधाएं

संजय मग्गू, पलवल

पर्यावरण संरक्षण के मामले पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। शनिवार को होडल खंड के गांव बांसवा के खेत में पराली जलाए जाने पर मौके पर पहुंचे सरकारी अमले ने किसान कल्लू पुत्र दलीप ¨सह पर जुर्माना लगाया तथा एफआइआर भी दर्ज कराई। जिला उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने इससे भी सख्त कार्रवाई करते हुए एक दिन के लिए गांव बांसवा का बिजली-पानी जैसी मूलभूत जनसुविधाएं भी बंद करा दी। उपायुक्त ने अपने इस निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया पर भी डाल दी।

हालांकि कुछ ही देर बाद जिला उपायुक्त ने अपने आदेश वापस ले लिए तथा एक घंटे बाद गांव की बिजली-पानी शुरू करा दी गई। बाद में होडल के तहसीलदार गुरुदेव ने होडल खंड के गांवों बांसवा व खिरबी में जनजागरण अभियान चलाया। तहसीलदार राजस्व तथा कृषि विभाग की टीम को साथ लेकर गए व जागरुकता अभियान चलाया गया। कृषि विभाग द्वारा किसानों को बताया गया तथा मशीनों से पराली के प्रबंधन का प्रस्तुतिकरण दिया गया।

बता दें कि सरकारी आदेशों व जागरुकता अभियानों के बावजूद खेतों में पराली जलाए जाने के मामले बढ़ रहे हैं। यह जानते हुए भी कि पराली जलाए जाने से जमीन की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है, किसान पराली जला रहे हैं। अभी तीन दिन पूर्व ही गांव भिडूकी में पराली जलाए जाने के मामला सामने आया था। शनिवार को बांसवा में खेत में पराली जलती मिली, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस विधायक करण ¨सह दलाल ने पराली जलाए जाने को राजनीतिक मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पराली जलाने पर वाकई रोक लगाना चाहती है तो अपनी घोषणा के अनुसार पराली खरीदने की दिशा में कार्य शुरू करे। उन्होंने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि किसान मजबूरी में पराली जला रहे हैं। भाजपा सरकार नागरिकों में भय का माहौल बना रही है, जिसे किसी भी लिहाज से उचित करार नहीं दिया जा सकता। किसी एक व्यक्ति के कसूर की सजा पूरे गांव को दिया जाना तो वैसे भी न्यायोचित नहीं है। अगर प्रशासन वाकई पर्यावरण संरक्षण को लेकर ¨चतित है तो फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित धुएं की तरफ भी ध्यान देना चाहिए।

- करण ¨सह दलाल, कांग्रेस विधायक पराली जलाने को लेकर देश की शीर्ष अदालतें भी टिप्पणी कर चुकी हैं। किसान खेत में पराली न जलाएं, इसके लिए जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह जानते हुए भी कि पराली जलाया जाना न तो खेत के लिए ठीक है और न ही पर्यावरण के लिहाज से, कुछ किसान पराली जला रहे हैं। जिला प्रशासन की किसानों से अपील है कि पराली न जलाएं।

- डा. मनीराम शर्मा, जिला उपायुक्त


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