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मोबाइल फोन देने के नाम पर ठगे 1500 रुपये

पलवल : ऑन लाइन बिक्री साइट पर आठ माह चले 40 हजार रुपये के फोन को 12 हजार रुपये मे देने के नाम पर एक कथित सैनिक ने बिजली बोर्ड में कार्यरत गांव सुजवाड़ी निवासी अशोक तंवर से 1500 रुपये ठग लिए। पीड़ित को जब ठगे जाने का अहसास हुआ लेकिन तब तक कथित कोरियर बॉय का फोन बंद हो चुका था तथा सैनिक ने फोन का जवाब देना बंद कर दिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को भी दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 03:53 PM (IST)
मोबाइल फोन देने के नाम पर ठगे 1500 रुपये
मोबाइल फोन देने के नाम पर ठगे 1500 रुपये

- ऑनलाइन बिक्री साइट पर हुई डील के बाद पेटीएम पर लिए रुपये

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जागरण संवाददाता, पलवल : ऑनलाइन बिक्री साइट पर आठ माह चले 40 हजार रुपये के फोन को 12 हजार रुपये मे देने के नाम पर एक कथित सैनिक ने बिजली बोर्ड में कार्यरत गांव सुजवाड़ी निवासी अशोक तंवर से 1500 रुपये ठग लिए। पीड़ित को जब ठगे जाने का अहसास हुआ, तब तक कथित कोरियर बॉय का फोन बंद हो चुका था तथा सैनिक ने फोन का जवाब देना बंद कर दिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को भी दी है।

सुजवाड़ी निवासी अशोक तंवर के अनुसार उन्होंने ऑनलाइन बिक्री साइट पर एक मोबाइल फोन को बिक्री के लिए देखा, जिसमें करीब नौ माह चले 40 हजार कीमत के आईफोन को दर्शाया गया था। फोन खरीदने में उत्सुकता दिखाने पर उनका मोबाइल नंबर 8239410183 पर संपर्क हुआ तथा फोन करने वाले ने खुद को मंजीत तथा सेना में हवलदार बताया। खुद के सैनिक होने का प्रमाण देते हुए आरोपित ने सेना तथा सैनिक कैंटीन का पहचान पत्र भी उनके वाट्सएप पर भेज दिया।

अशोक के अनुसार आईफोन की कीमत 17,500 मांगी गई जो कि मोलभाव करते-करते उनका सौदा 12000 रुपये तथा 720 रुपये कोरियर खर्चा में तय हो गया। खुद को सैनिक बताने वाले मंजीत ने अपने पेटीएम पर 6000 रुपये का अग्रिम भुगतान करने को कहा। अशोक के पेशगी भुगतान में असमर्थता जताने पर 1500 रुपये का भुगतान पेटीएम नंबर 7427020926 में करवा लिया तथा कोरियर बॉय का नंबर भी दे दिया।

आरोप है कि बुधवार को कोरियर बॉय ने मोबाइल फोन से संपर्क कर मोबाइल फोन आने की जानकारी दी तथा पहले पेटीएम पर भुगतान के लिए कहा। अशोक के अनुसार कथित कोरियर बॉय ने पहले तो सेना के कुछ विश्वसनीय दस्तावेज होने के चलते बिना भुगतान के फोन देने में आनाकानी की व बाद में अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया। मोबाइल बेचने वाला खुद को फौजी बता रहा था। विश्वास दिलाने के लिए आरोपित ने अपना पहचान पत्र व सैनिक कैंटीन का पहचान पत्र भी मुझे वाट्सएप भेजा था। और लोग इस प्रकार न छले जाएं तथा सैनिकों पर विश्वास कायम रहे, इसके लिए आरोपित की जांच कराने के लिए पुलिस को शिकायत दी है।

- अशोक तंवर, गांव सुजवाड़ी


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