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किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे : दलाल

पलवल : कांग्रेस विधायक करण ¨सह दलाल ने कहा है कि सरकार केएमपी की तर्ज पर केजीपी के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा किसानों को दे। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए किसानों की लड़ाई लडेंगे तथा उनकी आवाज को बुलंद करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 08:17 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 08:17 PM (IST)
किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे : दलाल
किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे : दलाल

जागरण संवाददाता, पलवल : कांग्रेस विधायक करण ¨सह दलाल ने कहा है कि सरकार केएमपी की तर्ज पर केजीपी के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा किसानों को दे। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए किसानों की लड़ाई लडेंगे तथा उनकी आवाज को बुलंद करेंगे। दलाल ने गांव अटोहां के किसानों द्वारा केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे के पलवल में उतराव वाले स्थान के निकट राजमार्ग पर अंडर पास बनाने की मांग को लेकर दिए जा रहे धरने को भी अपना समर्थन दिया। दलाल मंगलवार को यहां विश्रामगृह में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

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दलाल ने केजीपी रोड पर अलीगढ़ रोड को जोड़ने की उनकी मांग को मानने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व इस कार्य को कराने में सहयोग करने के लिए प्रदेश के शिक्षामंत्री राम विलास शर्मा, बल्लभगढ़, पृथला, होडल, नूंह व हथीन के विधायकों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद किया। दलाल ने कहा कि उनकी यह मांग पिछले तीन साल से चली आ रही है। अलीगढ़ रोड को केजीपी से जोड़ने के अलावा अलावलपुर-मोहना मार्ग व रसूलपुर-हसनपुर मार्ग को जोड़ने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि इन मार्गों को जोड़े जाने से फरीदाबाद व हसनपुर क्षेत्र को भी काफी लाभ होगा।

दलाल ने कहा कि उनकी मांग मानने के बाद जहां से अलीगढ़ रोड को केजीपी से जोड़ा जाएगा, उसका नक्शा भी बनाकर राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा उनके पास भिजवा दिया गया है। अलीगढ़ रोड को केजीपी से जोड़े जाने के बाद पलवल शहर में जाम की समस्या नहीं रहेगी तथा आम लोगों को भी फायदा होगा। इस अवसर पर पूर्व पार्षद बलराम गुप्ता, नारायण सैनी, आमिर खान भी मौजूद थे। अधिग्रहण पर किसानों को नुकसान

केजीपी से अलीगढ़ रोड को जोड़ जाने के लिए केंद्र सरकार 24 एकड़ जमीन अधिग्रहण करेगी। यह जमीन पेलक गांव के किसानों की ली जाएगी। केजीपी से जोड़ने के लिए यदि सरकार को किसान स्वयं अपनी मर्जी से जमीन दे देते हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की निर्देशानुसार करीब 62 लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा। जो केजीपी के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का पहले भी दिया गया है। यदि किसान अपनी मर्जी से जमीन नहीं देते हैं तो अधिग्रहण नीति के अनुसार 22 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।


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