अवैध रूप से चल रहे होटलों से खतरे में आ सकती है ¨जदगी
मंगलवार को दिल्ली के करोलबाग के होटल अर्पित पैलेस में हुए भीषण अग्निकांड में 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। होटल में आग इतनी तेजी से फैली कि अपनी जान बचाने के लिए लोग तीसरी मंजिल से कूद गए, लेकिन इसके बाबजूद भी बच नहीं पाए। प्रारंभिक पड़ताल के दौरान सामने आया शार्ट सर्किट से आग लगीं थी तथा आग से निपटने के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए थे।
संजय मग्गू, पलवल
मंगलवार को दिल्ली के करोलबाग के होटल अर्पित पैलेस में हुए भीषण अग्निकांड में 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। होटल में आग इतनी तेजी से फैली कि अपनी जान बचाने के लिए लोग तीसरी मंजिल से कूद गए, इसके बावजूद बच नहीं पाए। प्रारंभिक पड़ताल के दौरान सामने आया कि शार्ट सर्किट से आग लगीं थी तथा आग से निपटने के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए थे। अग्निकांड के बाद जब पलवल जिले के होटलों के सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की गई तो अवैध रूप से चल रहे होटलों में ठहरने वाले लोगों की ¨जदगी खतरे में जाती दिखी।
पलवल शहर में यूं तो दर्जन भर होटल चल रहे हैं, जिनमें स्वयंभू स्टार होटलों सहित गलियों में खुले गेस्ट हाउस शामिल हैं। कई होटलों में तो छोटे-बड़े कार्यक्रमों के लिए उनमें बनाए गए पार्टी हॉल भी बुक किए जाते हैं। इनमें रेस्तरां भी चलते हैं तथा और भी तामझाम होता है, लेकिन अग्निशमन विभाग केवल एक ही होटल चलने की पुष्टि करता है। कारण कि और किसी भी होटल का न तो नगर परिषद में रिकार्ड है तथा न ही किसी ने अग्निशमन विभाग से एनओसी ली हुई है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसकी शह पर यह होटल चल रहे हैं, तथा क्यों कोई भी विभाग इनमें सुरक्षा मानकों की जांच नहीं करता? शहर में इन प्रमुख स्थानों पर खुले हैं होटल
महाराणा प्रताप चौक से शहर में प्रवेश करने के साथ ही पप्पन प्लाजा सहित राजमार्ग पर ही बने होटलों में आशियाना, ग्रेस, आर्यन, पॉश, प्लेडियम शामिल हैं, लेकिन अग्निशमन विभाग के रिकार्ड में केवल पॉश होटल का ही नाम है। अग्निशमन विभाग के अनुसार पपप्न प्लाजा होटल प्रबंधन ने केवल एक बार ही एनओसी ली थी, तथा उसके बाद दोबारा कभी आवेदन तक नहीं किया। आशियाना होटल में आग बुझाने का एक सिलंडेर तो रखा है, लेकिन वह 2013 में एक्सपायर हो चुका है।
इसी प्रकार शहर में पंजाब होटल, अंकुर होटल, रॉयल प्लाजा, सनराइस सहित कई होटल हैं जिनमें दर्जनों लोग प्रतिदिन ठहरते हैं, लेकिन अग्निशमन विभाग किसी भी होटल के होने की पुष्टि नहीं करता। शहर में कई होटल तो इस कदर तंग गलियों में खुले हुए हैं कि विशेष परिस्थिति में वहां तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच ही नहीं सकती। आवेदन करने पर अग्निशमन विभाग जांच के बाद एनओसी जारी करता है, जिसका कि हर वर्ष नवीनीकरण कराना होता है। फिलहाल पलवल में केवल होटल पॉश ने हमारे विभाग से एनओसी ली है। एक बार पप्पन प्लाजा होटल ने एनओसी ली थी, लेकिन उसने भी नवीनीकरण नहीं कराया। विभाग सभी होटलों की जांच कराएगा तथा जहां कमी मिलेगी उन पर कार्रवाई की जाएगी।
- राजेंद्र ¨सह दहिया, फायर ऑफिसर जिले में कितने होटल तथा गेस्ट हाउस चल रहे हैं, इसका नगर परिषद से सर्वे कराया जाएगा। संबंधित विभागों को होटलों में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं। जहां कमी पाई जाएंगी, उन पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
- डा. मनीराम शर्मा, जिला उपायुक्त