बिजली जाते ही अस्पताल में छा जाता है अंधेरा
संवाद सहयोगी, पलवल: उपमंडल के दर्जनों गावों के मरीजों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के लि
संवाद सहयोगी, पलवल: उपमंडल के दर्जनों गावों के मरीजों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एकमात्र सरकारी अस्पताल में जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि विभाग द्वारा अस्पताल के कुछ कमरों में इंवर्टर की व्यवस्था की हुई है, लेकिन बिजली जाने पर वह भी ठप हो जाता है और पूरा अस्पताल अंधेरे में डूब जाता है। गर्मियों में तो मरीज बेहाल हो जाते हैं। डॉक्टरों को टार्च या मोमबत्ती की रोशनी में ही इलाज करना पड़ता है।
होडल में करोडों रुपये खर्च कर क्षेत्र के 22 गावों की जनता को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अस्पताल बनाया था। वैसे तो इस अस्पताल में कंडम एंबुलेंस और स्टाफ की कमी जैसे कई समस्याएं हैं, परंतु जनरेटर भी उनमें से एक जरूरी संसाधन है। जनरेटर के अभाव में यदि बिजली चली जाए तो एक्सरे व अन्य बिजली चालित उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। कई बार तो मरीजों को जांच के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। शाम होने पर यदि कोई दुर्घटना या झगड़े में घायल मरीज अस्पताल में आपात स्थिति में लाया जाए और बिजली न हो तो डॉक्टरों के लिए उसका प्राथमिक उपचार करना भी मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों को इसके बारे में पता है, वह तो अंधेरा होने के बाद मरीज को अस्पताल में लाते ही नहीं हैं। अंधेरा होने पर बिजली जाते ही अस्पताल के बाहरी परिसर में भी अंधकार छा जाता है।
अस्पताल में अभी जेनरेटर की व्यवस्था नहीं है। वैसे मरीजों के लिए इंवर्टर की व्यवस्था की हुई है। कई बार अधिक समय तक बिजली गुल होने के कारण इंवर्टर ठप हो जाते हैं। विभागीय उच्चाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया गया है।
- डॉ.चरणगोपाल, चिकित्सा अधिकारी