केजीपी व केएमपी पर लहलहाएंगे फल व औषधीय पौधे
पलवल त्रेता व द्वापर युग में सड़कों के किनारे फलदार पौधों के होने की चर्चा पौराणिक कथाओं में पढ़ने व सुनने को मिलती है। साक्ष्य के तौर पर यह भी सामने आता है कि वनवास के दौरान भगवान राम व उनके पश्चात पांडव बंधुओं ने कंद-मूल व फलों के सहारे ही अपना वनवास का समय व्यतीत किया था। करीब चार-पांच दशक पूर्व तक भी सड़कों के किनारे फलीय पौधों को देखा जाता रहा था,
संजय मग्गू, पलवल
त्रेता व द्वापर युग में सड़कों के किनारे फलदार पौधों के होने की चर्चा पौराणिक कथाओं में पढ़ने व सुनने को मिलती है। साक्ष्य के तौर पर यह भी सामने आता है कि वनवास के दौरान भगवान राम व उनके पश्चात पांडव बंधुओं ने कंद-मूल व फलों के सहारे ही अपना वनवास का समय व्यतीत किया था। लेकिन आधुनिकता की दौड़ में इनका स्थान कहीं तो कंकरीट के जंगलों ने ले लिया है, तो कहीं बिना किसी काम आने वाले पेड़-पौधे लग गए हैं।
अब जिले के प्रगतिशील किसानों ने जिला उपायुक्त के समक्ष ईस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल (केजीपी-केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर फलदार व औषधीय पौधे लगाने का प्रस्ताव दिया है।
जिला प्रगतिशील किसान क्लब के अध्यक्ष बिजेंद्र दलाल ने जिला उपायुक्त के समक्ष रखे प्रस्ताव में कहा है कि सरकार की घोषणा के अनुरूप अभी तक न तो केजीपी व न ही केएमपी पर कोई पेड़-पौधे लगाए गए हैं। केएमपी पर पौधे लगाए तो गए थे, लेकिन वे रखरखाव के अभाव में सूख गए। यदि राजमार्ग प्राधिकरण अनुमति दे तो उनका क्लब पलवल जिले की सीमा में पड़ने वाले दोनों एक्सप्रेस-वे (जो कि करीब 40 किलोमीटर में है) पर फलदार व औषधीय पेड़ लगवाने का कार्य शुरू करवा सकता है।
बॉक्स: चार-पांच दशक पूर्व भी थे फलीय पेड़:
शहर के प्रकृति प्रेमी पुरुषोत्तम खंडेलवाल, बिजेंद्र दलाल, प्रदीप मंगला का कहना है कि 40-50 वर्ष पूर्व तक भी गांवों को जोड़ने वाली सड़कों के किनारे जामुन व अमरूद के पेड़ देखे जाते थे। राहगीर इनकी छाया में बैठकर ठंडक का अहसास भी कर लेते थे, तो फलों का भी आनंद लेते थे। लेकिन कालांतर में सरकार ने फलीय पेड़ों को हटवा दिया, तथा इनका स्थान सफेदे व पापड़ी के पेड़ों ने लेना शुरू कर दिया। फलीय पेड़ों को हटाने के पीछे दी गई दलीलों में एक यह भी थी कि कई बार बच्चे फल खाने के लिए पेड़ों पर पत्थर मारते हैं, जिससे राहगीरों के चोटिल होने का भी खतरा रहता है।
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हमारा मानना है कि औषधीय व फलीय पेड़-पौधे कई लिहाज से फायदेमंद साबित होंगे। इनसे एक तो जहां एक्सप्रेस-वे हरा-भरा रहेगा, वहीं राजस्व के लिहाज से भी फायदा होगा। यदि हमारे प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो हम विभाग के साथ मिलकर पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
- बिजेंद्र दलाल, अध्यक्ष प्रगतिशील किसान क्लब
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किसान क्लब द्वारा दिया गया प्रस्ताव वाकई सराहनीय है। क्योंकि यह दोनों एक्सप्रेस-वे एनएचएआइ की संपदा हैं, तो इसके बारे में कोई निर्णय भी उन्हीं के अधिकारी ही लेंगे। क्लब द्वारा लिखित प्रस्ताव दिए जाने पर अनुशंसा के साथ एनएचएआइ को भेजा जाएगा।
- डॉ. मनीराम शर्मा, जिला उपायुक्त