यूएमसी वाले छात्रों की होगी ऑनलाइन सुनवाई
त दिनों दसवीं की बोर्ड की परीक्षा में जिनकी छात्रों की यूएमसी बनी थी उन्हें बोर्ड की वेबसाइट पर प्रफोर्मा भरकर भेजना होगा।
विनोद शर्मा, पलवल
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में जिन छात्रों की यूएमसी बनी थी, उन्हें बोर्ड की वेबसाइट पर प्रोफार्मा भरकर भेजना होगा। जिसके बाद बोर्ड तय करेगा कि उन्हें पास किया जाए या संबंधित विषय में फेल कर कंपार्टमेंट दी जाए। शिक्षा विभाग के मुताबिक दसवीं की शैक्षिक व मुक्त विद्यालय की परीक्षा में जिन विद्यार्थियों के अनुचित साधन (यूएमसी) से संबंधित केस दर्ज किए गए थे। उनको अब कोविड-19 के संक्रमण के चलते मुख्यालय पर व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया जाना संभव नहीं है। इसलिए ऐसे सभी परीक्षार्थी यूएमसी प्रोफार्मा भरकर भेज सकते हैं।
बोर्ड ने ऐसे नियमित परीक्षार्थी, जिनका यूएमसी दर्ज हुआ था, उनके स्कूल के मुखिया की ई-मेल पर यूएमसी प्रोफार्मा भेज दिया है। सभी संबंधित विद्यालय के मुखिया अपने विद्यालय के यूएमसी परीक्षार्थियों को अवगत कराएंगे कि यह प्रोफार्मा बोर्ड को भेजना होगा। नियमित छात्र स्वयं भी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध यूएमसी परीक्षार्थियों की सूची देखकर प्रोफार्मा भरकर भेज सकते हैं। यदि कोई परीक्षार्थी प्रोफार्मा भरकर नहीं भेजता है तो उसे अनुपस्थित मानकर यह समझा जाएगा कि परीक्षार्थी अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहता।
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हर वर्ष होती है सुनवाई :
बोर्ड द्वारा परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने पर बोर्ड की फ्लाइंग द्वारा यूएमसी बनाई जाती है। जिसके बाद बोर्ड की परीक्षा का परिणाम घोषित होने से पहले उनकी भिवानी बोर्ड में व्यक्तिगत रूप से सुनवाई होती है। इस बार कोविड-19 के संक्रमण के कारण प्रदेश में लॉकडाउन है। इस कारण शिक्षा विभाग के भी अनेक कार्य पेंडिंग हैं। इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा परिणाम में भी देरी हो रही है। परिणाम से पहले यूएमसी वाले परीक्षार्थियों से प्रोफार्मा भरकर भेजने के लिए कहा गया है। इसके बाद बोर्ड तय करेगा कि उन्हें प्रोफार्मा में पूछे गए प्रश्नों के आधार पर चयनित किया जाए या और प्रश्न पूछे जाएं।
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दसवीं की परीक्षा के दौरान जिन विद्यार्थियों की यूएमसी बनी थीं, उन्हें बोर्ड की वेबसाइट पर प्रोफार्मा भरकर भेजना है। पहले परीक्षार्थियों को व्यक्तिगत तौर पर सुनवाई के लिए जाना होता था।
- अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी