सांड़ों के आएंगे अच्छे दिन, बनेगी नंदीशाला तो नहीं रहेगी चारे की कमीं
गांवों व शहर में सड़कों पर भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकते तथा कई बार मानव जीवन के खतरा बने सांडों के अब जिले में अच्छे दिन आने वाले हैं। जिला प्रशासन ने जिले में नंदीशाला खोलने के लिए फुलवाड़ी गांव का चयन किया है। यहां 15 एकड़ में नंदीशाला बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए अभी ग्राम पंचायत से प्रस्ताव लिया जाना शेष है। नंदीशाला शुरू होने के बाद बेसहारा घूम रहे सांडों यानी बिजारों को इस नंदीशाला में रखा जाएगा। उनके लिए चारे की भी उचित व्यवस्था की जाएगी।
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- फुलवाड़ी गांव का नंदीशाला के लिए किया चयन, 15 एकड़ में बनेगी नंदीशाला
संजीव मंगला, पलवल
गांवों व शहर में सड़कों पर भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकते तथा कई बार मानव जीवन के खतरा बने सांडों के अब जिले में अच्छे दिन आने वाले हैं। जिला प्रशासन ने जिले में नंदीशाला खोलने के लिए फुलवाड़ी गांव का चयन किया है। यहां 15 एकड़ में नंदीशाला बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए अभी ग्राम पंचायत से प्रस्ताव लिया जाना शेष है। नंदीशाला शुरू होने के बाद बेसहारा घूम रहे सांडों यानी बिजारों को इस नंदीशाला में रखा जाएगा। उनके लिए चारे की भी उचित व्यवस्था की जाएगी।
जिले के गांवों व शहरों में प्रशासन व लोगों के लिए बेसहारा सांड सिरदर्द बने हुए हैं। कई बार तो ये ¨हसक हो जाते हैं तथा आपस में ही लड़ जाते हैं। इससे लोगों का भी नुकसान हो जाता है। कई बार ¨हसक होकर ये मानव पर भी हमला कर देते हैं। चारे का अभाव हमेशा इनके सामने बना रहता है। ये गंदगी व पालीथिन खाकर अपने पेट की भूख को शांत करते हैं तथा झुंडों में विचरण करते रहते हैं। कई बार तो ये यातायात को भी अवरुद्ध कर देते हैं।
नंदीशाला बनाने की योजना की फाइल फिलहाल जिला विकास व पंचायत अधिकारी की टेबल पर है। एक दो दिन में यह फाइल जिला उपायुक्त डा.मनीराम शर्मा की टेबल पर पहुंच जाएगी। फिर इस योजना को अंतिम मंजूरी चंडीगढ़ से मिलेगी। गांव के सरपंच सुंदर ¨सह से भी इस बारे में बात की गई है। सड़कों पर विचरण करते सांड़ों को लेकर सरकार को लोगों की आलोचना सुननी पड़ती है। सांडों के साथ-साथ गाय व बछड़े भी यूं ही बेसहारा घूमते रहते हैं। मेरे पास जिला विकास व पंचायत विभाग से रघुनंदन व सहायक जिला परियोजना अधिकारी नवीन कुमार के फोन आए थे तथा नंदीशाला बनाने के बारे में बातचीत हुई थी। मैं इस बारे में गांव के पंचों व गणमान्य लोगों से बातचीत करूंगा। मुझे उम्मीद है कि गांव के लोग नंदीशाला के लिए जमीन देने के लिए तैयार हो जाएंगे।
- सुंदर ¨सह, सरपंच ग्राम पंचायत फुलवाड़ी नंदीशाला बनाना मेरा सपना है। इससे सांडों को संरक्षण मिलेगा। इससे लोगों को भी राहत मिलेगी तथा सांड़ों को चारे के लिए भी इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। कई गांवों से नंदीशाला के लिए प्रस्ताव आए थे, परंतु अधिकारियों ने फुलवाड़ी गांव को ही इसके लिए चयनित किया।
- डा.मनीराम शर्मा, जिला उपायुक्त