नप ने फिर शुरू किया बंदर पकड़ने का अभियान
बंदरों के आतंक से परेशान शहरवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। लंबे इंतजार के बाद नगर परिषद ने बंदर पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, पलवल: बंदरों के आतंक से परेशान शहरवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। लंबे इंतजार के बाद नगर परिषद ने बंदर पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। तीन नवंबर, 2020 से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक 370 से अधिक बंदर पकड़े जा चुके हैं। पकड़ने के बाद इन बंदरों को शहर से दूर गुरुग्राम स्थित बंधवाड़ी गांव के पास ग्वाल पहाड़ियों में छोड़ा जा रहा है। शहर के किसी भी इलाके में बंदरों से परेशान लोग नगर परिषद या फिर वार्ड के पार्षदों को शिकायत कर सकते हैं। शिकायत मिलने के बाद ठेकेदार संबंधित इलाके में जाकर पिजरा लगाकर बंदर पकड़ने का काम कर रहे हैं। बता दें कि वैसे तो सारे शहर में बंदरों का आतंक है, लेकिन लघु सचिवालय, जिला उपायुक्त निवास, नागरिक अस्पताल, वार्ड-13 जवाहर नगर कैंप, आइटीआइ, एसडी कालेज, अनाज मंडी में बंदरों का कुछ ज्यादा ही आतंक है। बीते कुछ महीनों से शहर में बंदरों के आतंक से शहरवासी खासे परेशान थे। बंदर दिन-रात गलियों व घर की छतों पर घूमते रहते थे। इनके डर से घर से निकला मुश्किल हो रहा था। कई बार ये घर में घुसकर उत्पात मचाते थे। जब लोग बंदरों को भगाने की कोशिश करते तो बंदर हमला कर देते। बंदरों से परेशान शहरवासी कई बार नप से शिकायत भी कर चुके थे। इसका संज्ञान लेते हुए नप ने नौ जून, 2020 में एक हजार बंदर पकड़ने का टेंडर जारी किया था, लेकिन किसी भी फर्म द्वारा टेंडर नहीं भरा गया। इसके कारण नप ने टेंडर रद कर दिया। फिर 20 जून, 2020 को यहीं टेंडर दोबारा जारी किया गया। इसके बाद नप ने प्रति बंदर 750 रुपये के हिसाब से जितेंद्र तेवतिया ठेकेदार को ठेका दिया। 15 जुलाई, 2020 को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। कुछ दिन तक बंदर पकड़ने का काम शुरू भी हुआ, लेकिन कुछ विवाद के चलते वन विभाग ने इस पर रोक लगा दी। मामला एसडीएम कोर्ट में चला गया। अत: एसडीएम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद तीन नवंबर, 2020 को अभियान फिर शुरू हुआ। शहर में बंदर पकड़ने की शुरुआत कर दी गई है। संभावित इलाकों में बंदर पकड़े जाएंगे। जहां-जहां से सूचनाएं व शिकायतें मिलेंगी वहां से बंदर पकड़े जाएंगे।
- इंदु भारद्वाज, चेयरमैन, नगर परिषद पलवल। पकड़े गए बंदरों का मेडिकल कराया जाएगा। बंधवाड़ी स्थित ग्वाल पहाड़ियों में छोड़ने से पहले उन्हें भरपेट खाना भी दिया जाएगा। इतना ही नहीं यदि पकड़े जाने के दौरान बंदर चोटिल होते हैं तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कुलदीप मलिक, ईओ, नप, पलवल