दो वर्ष से बिछड़े किशोर को परिवार से मिलाया
स्टेट क्राइम ब्रांच की मिसिग टीम ने दो वर्ष पूर्व अपने परिवार से बिछड़े उप्र के बरेली जिला निवासी हाशिम को उसके परिवार से मिलाकर एक और सफलता अर्जित की।
जागरण संवाददाता, पलवल : स्टेट क्राइम ब्रांच की मिसिग टीम ने दो वर्ष पूर्व अपने परिवार से बिछड़े उप्र के बरेली जिला निवासी हाशिम को उसके परिवार से मिलाकर एक और सफलता अर्जित की। हाशिम दो वर्ष पूर्व अपने गांव के एक व्यक्ति के साथ रोजगार की तलाश में घर से निकला था, लेकिन दिल्ली पहुंचकर रास्ते में भटक गया। जब बेटा घर नहीं पहुंचा तो स्वजनों ने उस व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करा दिया, जो हाशिम को साथ लेकर आया था। अब परिवार से मिलने के बाद स्वजनों व हाशिम की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।
मिसिग सेल में कार्यरत एएसआइ अमर सिंह के अनुसार हाशिम करीब चार माह पूर्व असहाय तथा मानसिक रूप से अस्वस्थ होकर लावारिस घूम रहा था। समाजसेवी प्रेम सिंह जो नल्हड़ (नूंह) मेडिकल कालेज में कार्यरत हैं, ने इंसानियत का परिचय देते हुए उसे पलवल के नागरिक अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे नल्हड़ में रेफर कर दिया गया। नल्हड़ से उसकी सूचना स्टेट क्राइम ब्रांच की मिसिग सेल को दी गई तथा हाशिम के स्वजनों की तलाश शुरू हो गई।
एएसआई अमर सिंह के अनुसार करीब एक माह पूर्व जब हाशिम कुछ ठीक होने लगा तो उसने खुद को हाशिम तथा बरेली का निवासी बताया। मिसिग सेल ने बरेली के सभी थानों में फोन किया तथा देवरिया थाने के एसएचओ ने एसआई मोती सिंह से फोन पर संपर्क कराया। मोती सिंह ने पड़ताल के बाद फोटो के आधार पर हाशिम की पहचान की तथा बताया कि इस संदर्भ में मुकदमा भी दर्ज है। अमर सिंह के अनुसार मोची सिंह ने हाशिम के पिता अहमद का नंबर भी दिया। अहमद अपने स्वजनों के साथ शुक्रवार को नूंह के नल्हड़ पहुंचे तथा पूरी तसदीक के बाद व डाक्टर की अनुमति से स्वजनों को सौंप दिया गया।
अहमद ने जागरण को बताया कि पुत्र के वियोग में उनकी पत्नी भी मानसिक रोग से ग्रस्त हो चुकी हैं। अहमद ने मिसिग सेल की टीम का आभार जताते हुए कहा कि लंबे समय बाद उनके परिवार में खुशियां लौटी हैं तथा संभवत: पुत्र से मिलकर उनकी पत्नी भी स्वस्थ हो जाएंगी। अमर सिंह के अनुसार हाशिम के परिवार के बारे में जानकारी जुटाने में एसआई शीतल तथा कांस्टेबल मोहन व दीपक का विशेष सहयोग रहा।