अदालत में नप चेयरपर्सन इंदु भारद्वाज की हुई जीत
शैक्षणिक योग्यता को लेकर नगर परिषद चेयरपर्सन इंदु भारद्वाज के खिलाफ दायर मामला खारिज हो गया है। मुख्य न्यायिक अधिकारी सीनियर डिविजन एसके शर्मा की अदालत ने शैक्षणिक योग्यता की सही करार देते हुए मामले को खारिज कर दिया है।
संवाद सहयोगी, पलवल: शैक्षणिक योग्यता को लेकर नगर परिषद चेयरपर्सन इंदु भारद्वाज के खिलाफ दायर मामला खारिज हो गया है। मुख्य न्यायिक अधिकारी सीनियर डिविजन एसके शर्मा की अदालत ने शैक्षणिक योग्यता को सही करार देते हुए मामले को खारिज कर दिया है। वहीं शिकायतकर्ता मीनू जाखड़ ने मामले में सैशन कोर्ट में चुनौती दिए जाने की बात कहीं है।
बता दें कि नगर निकाय चुनावों में वार्ड 17 महिला आरक्षित था। वार्ड से कांग्रेस समर्थक योगेंद्र जाखड़ की पत्नी मीनू जाखड़ व भाजपा नेता अविनाश शर्मा की माता इंदु भारद्वाज ने चुनाव लड़ा था। चुनाव में इंदु भारद्वाज ने मीनू जाखड़ को पराजित कर दिया था। बाद में मीनू जाखड़ ने अदालत में याचिका दायर कर इंदु भारद्वाज की शैक्षणिक योग्यता को चुनौती दी थी। उनकी आठवीं कक्षा के प्रमाण पत्र को फर्जी बताया गया था। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया था कि चुनाव में मृतक लोगों के नाम से मत डलवाए गए थे। अदालत में गवाहों के बयान पर वकीलों की बहस विभिन्न तिथियों पर चलती रही।
अदालत में आठवीं कक्षा के प्रमाण पत्र को लेकर संबंधित सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के भी बयान हुए। न्यायाधीश एसके शर्मा की अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया, जिससे इंदु भारद्वाज के प्रमाण पत्र को सही पाते हुए मामले को खारिज कर दिया। वहीं मृतकों के प्रमाण पत्र मामले में भी मीनू जाखड़ पक्ष कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाया। मुझ पर लगाए आरोप निराधार थे और यह अदालत में भी साबित हो गया। मीनू जाखड़ पक्ष ने राजनैतिक द्वेष के चलते यह आरोप लगाए थे, जिससे विकास कार्य प्रभावित हों, परंतु जीत हमेशा सत्य की होती है। अदालत में मीनू जाखड़ कोई ठोस सबूत पेश हीं नहीं कर पाईं।
-इंदु भारद्वाज, चेयरपर्सन नगर परिषद फैसला शुक्रवार को सुनाया जाना था, परंतु शुक्रवार, सोमवार फिर मंगलवार को भी फैसला नहीं सुनाया गया। बुधवार को फैसला सुनाया गया, तो मुझे पता हीं नहीं था। मुझे सोशल साइट के माध्यम से जानकारी मिली। फैसले की नकल मिलने पर अब जिला सेशन कोर्ट में केस दायर करूंगी।
-मीनू जाखड़