बगैर मान्यता चल रहे स्कूलों पर कसेगा शिकंजा
संवाद सहयोगी, होडल: शिक्षा विभाग ने अब उपमंडल में बगैर मान्यता के चलाए जा रहे निजी स्कूल
संवाद सहयोगी, होडल: शिक्षा विभाग ने अब उपमंडल में बगैर मान्यता के चलाए जा रहे निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। क्षेत्र में सैकड़ों स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहे हैं। कुछ निजी स्कूल संचालकों ने जहां अपने स्कूलों को दूसरे स्कूलों से अटैच कराकर परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं कुछ निजी स्कूलों पर मान्यता पांचवीं कक्षा तक की है, लेकिन कक्षाएं 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई कराई जा रही है।
शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन कर उपमंडल में कुकरमुत्तों की तरह खुले इस प्रकार बगैर मान्यता के चलाए जा निजी स्कूल शिक्षा देने के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। कुछ स्कूल संचालक तो एक ही मान्यता से दो या तीन स्कूल तक चला रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि शिक्षा विभाग को इस प्रकार के निजी स्कूलों के बारे में कुछ पता नहीं हो, लेकिन विभागीय अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं।
हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा क्षेत्र में एक बार पहले भी इन पर शिकंजा कसने का प्रयास किया था, लेकिन अभियान बीच में ठप होकर रह गया। उसके बाद से इन स्कूलों के हौसले और भी बुलंद हो गए। उपमंडल में शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जहां निजी स्कूलों की भरमार ना हो। ये निजी स्कूल संचालक छात्रों की ड्रेस, कापी, किताब आदि के नाम पर जहां अभिभावकों की जेब हल्की कर रहे हैं, वहीं स्वयं लाखों रुपये कमा रहे हैं। इस प्रकार के स्कूलों में ना छात्रों के खेलने के लिए पर्याप्त खेल के मैदान हैं और ना ही बच्चों के पीने के पानी और जेनरेटर आदि की कोई व्यवस्था है। दाखिले के नाम पर प्रतिवर्ष हजारों रुपये प्रति छात्र से वसूल किए जाते हैं और सुविधा के नाम पर सब कुछ शून्य है।
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मेरी नोटिस में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर क्षेत्र में इस प्रकार बगैर मान्यता कोई निजी स्कूल चल रहा है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के स्कूलों के खिलाफ शीघ्र ही अभियान चलाया जाएगा। वैसे अगर कोई अभिभावक बगैर मान्यता के चलाए जा रहे निजी स्कूल की शिकायत देता है तो उस स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- जीतपाल ¨सह, खंड शिक्षा अधिकारी।