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अस्पताल बना पशुओं की आरामगाह

चंद्रप्रकाश गर्ग होडल गांव बांसवा में पशुओं के लिए बनाया गया पशु अस्पताल अपनी दुर्दशा पर आ

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Nov 2017 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 06 Nov 2017 06:34 PM (IST)
अस्पताल बना पशुओं की आरामगाह
अस्पताल बना पशुओं की आरामगाह

चंद्रप्रकाश गर्ग होडल

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गांव बांसवा में पशुओं के लिए बनाया गया पशु अस्पताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। रखरखाव के अभाव में अस्पताल का भवन जर्जर हो चुका है। अस्पताल में पशु चिकित्सक भी नहीं है। यह केवल बांसवा ही नहीं उपमंडल के अन्य पशु अस्पतालों की भी हालत कमोबेश ऐसी ही है। जिसके कारण पशु पालक निजी डाक्टरों से पशुओं का इलाज करवाते हैं। अब ग्रामीणों ने कई अस्पतालों में अपने पशु बांधने शुरू कर दिए हैं। आलम ये है कि एक तरफ पशु बंधे रहते हैं तो दूसरी तरफ पेड़ों के नीचे ग्रामीण आराम फरमाते हैं।

खंड के गांव सौंदहद, बंचारी, बामनीखेड़ा, दीघोट, भिडूकी, खिरबी, बिलोचपुर, बडौली, सीहा, गुलाबद सहित 13 पशु स्वास्थ केंद्र हैं। इनके अलावा गांव खिरबी और बांसवा के पशुओं के उपचार के लिए बांसवा ग्राम पंचायत की जगह में बनाए गए अस्थाई अस्पताल में उपचार की व्यवस्था की हुई है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इस स्थान पर कभी कोई पशु डाक्टर पहुंचते ही नहीं हैं, जिसके कारण बीमार पशुओं को दिखाने के लिए दूसरे अस्पतालों में भटकना पड़ता है। उप मंडल के पशु अस्पतालों में पहले से ही डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। डॉक्टरों के अभाव के कारण एक-एक डाक्टर कई-कई केंद्रों की जिम्मेदारी संभाल रहा है। ग्रामीण इस मामले को गांव खिरबी में तत्कालीन जिला उपायुक्त द्वारा लगाए गए खुले दरबार के अलावा हसनपुर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आगमन पर उन्हें अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या अभी तक ज्यों कि त्यों बनी हुई है।

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गांव में वर्षों पहले बने इस पशु अस्पताल की जर्जर हालात को देखते हुए कोई भी डाक्टर इमारत में बैठने को तैयार नहीं है। बीमार पशुओं को दूसरे अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर हैं।

- रघुवीर

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पशु अस्पताल की जर्जर हालात के मामले से विभागीय उच्चाधिकारियों, जिला उपायुक्त, खुले दरबार के अलावा मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका है।

- रामबीर

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पशु अस्पताल की जर्जर इमारत के अलावा यहां पशु डाक्टर की भी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण दूसरे अस्पतालों में पशुओं का उपचार कराने को मजबूर होना पड़ता है।

- पूरनलाल

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क्षेत्र के पशु अस्पतालों में डाक्टरों का अभाव बना हुआ है। अस्पताल की जर्जर हालात से विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। गांव बांसवा, खिरबी में पशुओं की देखरेख के लिए एक डाक्टर को तैनात किया गया है, जो सप्ताह में दो दिन बीमार पशुओं के स्वास्थ की जांच करेगा।

- डॉ.मानपाल ¨सह, एसडीओ पशुपालन विभाग, होडल।


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