अवैध कनेक्शनों ने बढ़ाई 12 हजार लोगों की ¨चता
हथीन : राजीव गांधी रेनीवेल परियोजना में लगे 200 अवैध कनेक्शनों ने 12 हजार के आबादी के गांव मालूका के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पानी की किल्लत के चलते लोगों को टैंकरों से पेयजल मंगाना पड़ रहा है। जो लोगों को काफी महंगा पड़ रहा है। लोगों की इस मुख्य समस्या की तरफ शासन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं। जिससे परेशान ग्रामीण कभी विभाग के अधिकारियों को कोसते हैं तो कभी अपनी किस्मत को।
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- टैंकरों से मोल पानी खरीदना पड़ रहा है ग्रामीणों को
संवाद सहयोगी, हथीन : राजीव गांधी रेनीवेल परियोजना में लगे 200 अवैध कनेक्शनों ने 12 हजार की आबादी के गांव मालूका के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पानी की किल्लत के चलते लोगों को टैंकरों से पेयजल मंगाना पड़ रहा है, जो लोगों को काफी महंगा पड़ रहा है। लोगों की इस मुख्य समस्या की तरफ शासन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है जिससे परेशान ग्रामीण कभी विभाग के अधिकारियों को कोसते हैं तो कभी अपनी किस्मत को।
खंड का गांव मालूका आखिरी छोर पर पड़ता है। गांव की आबादी 12 हजार के करीब है। गांव में पेयजल व्यवस्था का जिम्मा रेनीवेल परियोजना पर है। यह सप्लाई नूंह जिले के गांव शिकरावा से आती है। परियोजना के तहत पाइपलाइन के माध्यम से पानी दो बूस्टरों में डाला जा रहा है। लेकिन, परियोजना की पाइपलाइनों में अवैध कनेक्शनों की भरमार बताई गई है।
ग्रामीण कहते हैं कि लोगों ने जगह-जगह मुख्य लाइन में अवैध कनेक्शन किए हुए हैं, जिस कारण पानी तय स्थान तक नहीं पहुंच पाता। पेयजल की किल्लत से जूझ रहे गांव में लोग प्राइवेट टैंकरों से खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों के अनुसार 500 लेकर 700 रुपये में एक टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है जो तीन-चार दिन ही चलता है क्योंकि इसी पानी से वे अपने पशुओं को पानी पिला रहे हैं। आरोप है कि कई बार विभाग से शिकायत के बाद भी न तो अवैध कनेक्शन हटे न ही उन्हें पानी की पर्याप्त पूर्ति हो पाई। पेयजल की पूर्ति करना शासन प्रशासन का काम है। लेकिन प्रशासन दिनचर्या के लिए प्रयोग में होने वाले पानी की व्यवस्था कराने में नाकाम रहा है, जो लोगों के साथ अन्याय है।
-अब्बास खान, समाज सेवी गांव मालूका। मुख्य लाइन में अवैध कनेक्शनों की भरमार है। इसीलिए आगे पूरा पानी नहीं पहुंचता। मजबूरी में महिलाओं को बूस्टर में आने वाले दूषित पानी से ही गुजारा करना पड़ता है।
-जमीला, पूर्व सरपंच मालूका। जन स्वास्थ्य विभाग की बेरुखी का दंश पूरा गांव झेल रहा है। लेकिन शासन प्रशासन का इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं। लोगों की पानी खरीदना मजबूरी बन गई है।
-सरफराज, निवासी मालूका। विभाग की तरफ से समय-समय पर अवैध कनेक्शन काटे गए हैं। लोग मानते ही नहीं। लेकिन गांव में अगर यह समस्या है तो इसके लिए विभाग की तरफ से व्यापक कदम उठाए जाएंगे।
-एके गुप्ता, उपमंडल अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग।