दो हजार क्विंटल मोटे धान की फसल मंडी में, नहीं हो रही सरकारी खरीद
मोटे धान की फसल सरकार किसानों से खरीदती है। इसके लिए सरकार ने उसकी एमएसपी 1960 रुपये प्रति क्विंटल घोषित की है।
संवाद सहयोगी, हथीन: अनाज मंडी में दो हजार क्विंटल मोटा धान दस दिनों से पड़ा हुआ है, लेकिन सरकारी खरीद अबतक शुरू नहीं हुई। खरीद का इंतजार कर रहे किसान रोजाना सुबह मंडी आते हैं, लेकिन शाम को मायूस होकर वापस लौट जाते हैं। किसानों का आरोप है कि उन्हें रोज आजकल खरीद की बात कहकर टरकाया जा रहा है। फसल नहीं बिकने से नाराज किसानों का कहना है कि रबी फसल की बुआई पर भी इसका असर पड़ रहा है क्योंकि उनके पास पैसों का अभाव है। किसान स्थानीय प्रशासन को लिखित में भी शिकायत दे चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
बता दें कि मोटे धान की फसल सरकार किसानों से खरीदती है। इसके लिए सरकार ने उसकी एमएसपी 1960 रुपये प्रति क्विंटल घोषित की है। मार्केट कमेटी के अधिकारियों के अनुसार हथीन की अनाज मंडी में सरकार ने हैफेड व वेयर हाउस सरकारी एजेंसी को खरीद का जिम्मा सौंपा है। कमेटी के रिकार्ड के मुताबिक अभी तक मात्र 772 क्विंटल मोटे धान की फसल सरकारी तौर पर खरीदी गई है। इस धान का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। हालांकि प्राईवेट स्तर पर इसको आढ़ती 1400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदने को तैयार हैं, लेकिन किसान सरकारी एजेंसी को ही अपनी फसल बेचने का इंतजार कर रहे हैं। किसान कहते हैं कि खरीद के मामले में प्रशासन का ढीला रवैया दिखाई दे रहा है। बता दें कि मंडी में 11 हजार क्विंटल दूसरी किस्म की धान की आवक हो चुकी है, जिसकी खरीद भी प्राईवेट स्तर पर हो चुकी है। मंडी में मोटे धान की फसल दस दिनों से पड़ी है, लेकिन सरकारी खरीद एजेंसी मंडी में धान खरीदने नहीं आ रही है।
--अशोक कुमार, हुड़ीथल किसान 15 अक्टूबर से रोजाना मंडी में इसलिए आ रहे हैं कि धान की खरीद होगी, लेकिन शाम को मायूसी ही हाथ लगती है।
--सतबीर, गहलब किसान खरीद एजेंसियों द्वारा की जा रही ढील के बारे में मामला उपायुक्त के संज्ञान में ला दिया है। उम्मीद है कि सोमवार को सरकारी खरीद करा दी जाएगी।
-अजय कुमार नैन, सचिव मार्केट कमेटी हथीन मैंने दो दिन पहले खुद खरीद एजेंसियों से किसानों के धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन खरीद क्यों नहीं की गई। इस बाबत उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी।
--लक्ष्मी नारायण, एसडीएम हथीन