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ग्रामीणों को नहीं जूझना पड़ेगा पेयजल संकट से

जिले में पेयजल संकट से जूझ रहे पलवल व पृथला क्षेत्र के करीब

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 05:27 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 05:27 PM (IST)
ग्रामीणों को नहीं जूझना पड़ेगा पेयजल संकट से
ग्रामीणों को नहीं जूझना पड़ेगा पेयजल संकट से

सुरेंद्र चौहान, पलवल:

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जिले में पेयजल संकट से जूझ रहे पलवल व पृथला क्षेत्र के करीब 84 गांवों के ग्रामीणों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उन्हें पर्याप्त शुद्ध पेयजल मिलेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पेयजल योजना के लिए 18.2 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जनस्वास्थ्य विभाग ने योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है। मैन बू¨स्टग स्टेशनों पर काम भी शुरू कर दिया गया है।

वैसे तो सरकार ने प्रदेश में 722 करोड़ रुपये की पेयजल से संबंधित परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें पलवल व पृथला क्षेत्र में भी 18.2 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शामिल हैं। दरअसल, पृथला क्षेत्र और पलवल के कुछ गांवों में भूमिगत जल तेलिय और खारा है, जिसे पशुओं को पिलाने में भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। पलवल शहर में भी भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा बहुत ज्यादा है, जिसके कारण उसे पीने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यह बात जनस्वास्थ्य विभाग की जांच में भी सामने आ चुकी है। नई वार्डबंदी में शामिल क्षेत्रों में किल्लत

शहर में तो विभाग द्वारा आगरा नहर के किनारे ट्यूबवेल लगाकर आपूर्ति की जा रही है। पिछले चार सालों में ही शहर में पेयजल की समस्या लगभग समाप्त होने को है। सरकार ने इसके लिए कई नए जलघर, पाइपलाइनें और बूस्टरों पर पैसा खर्च किया है, परंतु फिर भी नई वार्डबंदी के बाद परिषद में शामिल हुए अगवानपुर, धौलागढ़, नया गांव, बसंतगढ़, शमशाबाद, इस्लामाबाद, मोहन नगर, हरी नगर, घुघेरा जैसे क्षेत्रों में अभी पेयजल की दिक्कत है। हर साल लगाने पड़ते हैं नए ट्यूबवेल

पृथला व कुछ अन्य गांवों में जनस्वास्थ्य विभाग रजवाहों आदि के किनारे ट्यूबवेल लगाकर पेयजल आपूर्ति करता है, लेकिन भूमिगत जल बदलने के कारण दर्जनों ट्यूबवेल हर साल खराब हो जाते हैं। जब तक विभाग दूसरा ट्यूबवेल लगाता है ग्रामीणों को खारा पानी ही पीना पड़ता है। क्षेत्र में समस्या को दूर करने के लिए लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, परंतु पूरी तरह समाधान नहीं हुआ। इसी का हल निकालने के लिए नई योजना बनाई गई है। क्या है योजना

योजना के तहत दुधौला व मोहना में मैन बू¨स्टग स्टेशन बनेंगे। पलवल क्षेत्र में धतीर, कैराका और रतिपुर में इंटर मीडिएट स्टेशन और 25 गांवों में सब बू¨स्टग स्टेशन बनेंगे। धतीर स्टेशन के अंतर्गत धतीर, दुर्गापुर, टहरकी, जैंदापुर, चांदपुर, पारौली, देहलाका, अल्लीका, किशोरपुर, अतरचटा, ककराली, मेघपुर, कैराका स्टेशन के अंतर्गत महेशपुर, आदुपुर, कैराका, नंगली पचानका, धामाका, राखौता, जोहरखेड़ा, कारना, लालवा, बामनिका, रजौलका, गैलपुर, रतिपुर स्टेशन के अंतर्गत रायपुर, रजपुरा, टीकरी ब्राह्मण, बहरौला, जोधपुर, धौलागढ़, चिरावटा, रहराना में सब बू¨स्टग स्टेशन बनेंगे। प्रदेश सरकार हर क्षेत्र में विकास करवा रही है। मुख्यमंत्री के समक्ष समस्याओं को लेकर जो भी प्रस्ताव रखे जाते हैं, वे तुरंत मंजूरी प्रदान कर देते हैं। आने वाले कुछ दिनों में जिले के जिन क्षेत्रों में पेयजल की थोड़ी बहुत दिक्कत है, वह पूरी तरह दूर कर दी जाएगी। अगली गर्मियों में जिले में कहीं भी पेयजल की किल्लत नहीं रहेगी।

- दीपक मंगला, राजनीतिक सचिव मुख्यमंत्री


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