पर्यावरण संरक्षण : उठेगा घर-घर कूड़ा तो शहर की बदलेगी आबो-हवा
शहर में घर-घर कूड़ा उठाने की योजना को अब प्रशासनिक मंजूरी मिलनी शेष रह गई है। जैसे ही चंडीगढ़ से इस योजना की फाइल को हरी झंड़ी मिलेगी, इसके लिए टेंड़र आमंत्रित कर लिए जाएंगे। दो साल पहले बनी यह योजना आज तक लागू नहीं हो पाई है। इस दौरान नगर परिषद के कई अधिकारी भी बदल गए तथा योजना बनाने वाले उपायुक्त व मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी भी पहले वाले नहीं रहे। शहरवासी इस योजना के शुरू होने की इंतजार देख रहे हैं। घर-घर से कूड़ा उठेगा तो शहर का वातावरण भी स्वच्छ होगा।
टॉप बॉक्स :
- दो साल बाद फाइल पहुंची प्रशासनिक मंजूरी हेतु
संवाद सहयोगी, पलवल
शहर में घर-घर कूड़ा उठाने की योजना को अब प्रशासनिक मंजूरी मिलनी शेष रह गई है। जैसे ही चंडीगढ़ से इस योजना की फाइल को हरी झंडी मिलेगी, इसके लिए टेंडर आमंत्रित कर लिए जाएंगे। दो साल पहले बनी यह योजना आज तक लागू नहीं हो पाई है। इस दौरान नगर परिषद के कई अधिकारी भी बदल गए तथा योजना बनाने वाले उपायुक्त व मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी भी पहले वाले नहीं रहे। शहरवासी इस योजना के शुरू होने की इंतजार देख रहे हैं। घर-घर से कूड़ा उठेगा तो शहर का वातावरण भी स्वच्छ होगा।
वैसे शहर को साफ सुथरा रखने के लिए नगर परिषद और जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर दावे व प्रयास तो खूब किए गए, पर सफलता नहीं मिली। जिला प्रशासन ने भी गंभीरता से कई कदम उठाए, पर नगर परिषद के चरमराए ढांचे के चलते बात सिरे नहीं चढ़ी। अब इस योजना से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। यह योजना शहर के 27 वार्डों में लागू होगी, जबकि पांच वार्ड इससे वंचित रहेंगे।
दो वर्ष पहले प्रदेश के विभिन्न जिलों के सुशासन सहयोगियों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ अपने-अपने जिले की समस्याओं व उनका समाधान करने के उपायों बाबत बैठक हुई थी। बैठक में पलवल के तत्कालीन सुशासन सहयोगी गौरव कुमार ने स्वच्छ भारत-स्वस्थ हरियाणा को सार्थक बनाने के उद्देश्य से पलवल शहर की सफाई व्यवस्था पर काम करने बाबत मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद इस योजना के विभिन्न ¨बदुओं पर काम शुरू हो गया। प्रोजेक्ट के तहत शहर का एक रोड मैप तैयार किया जा रहा है।
योजना को सफल बनाने के लिए सीएसआर यानी कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत उद्यमियों का भी सहयोग लिया जा सकता है। घर-घर से कूड़ा उठाने के बाद विभिन्न इलाकों में ही उपयुक्त जगहों पर लघु कूड़ा निस्तारण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। जहां जैविक कचरा व ठोस कचरा को अलग-अलग किया जाएगा, फिर अलग-अलग कचरे को बड़े निस्तारण केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। इस योजना के लागू होने के बाद शहर में कूड़े के ढ़ेर काफी कम हो जाएंगे। योजना पर करीब ढ़ाई करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च होगा। नगर परिषद ने योजना की पूरी फाइल बनाकर जिला उपायुक्त को भेज दी थी। दो-तीन दिन पहले ही उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने फाइल को मंजूरी दे दी है। अब यह फाइल प्रशासनिक मंजूरी के लिए चंडीगढ़ भेजी गई है। हमें उम्मीद है कि फाइल को मंजूरी जल्दी ही मिल जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- जितेंद्र कुमार, एसडीएम पलवल