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कोरोना जांच के लिए शुल्क वसूलने पर शिक्षक खफा

सरकारी आदेशों के मुताबिक सरकारी शिक्षकों से कोरोना टेस्ट के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा लेकिन बुधवार को नागरिक अस्पताल पहुंचे 20 से 25 शिक्षकों से टेस्ट की एवज में शुल्क मांगा गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 06:44 PM (IST)
कोरोना जांच के लिए शुल्क वसूलने पर शिक्षक खफा
कोरोना जांच के लिए शुल्क वसूलने पर शिक्षक खफा

अंकुर अग्निहोत्री, पलवल

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सरकारी आदेशों के मुताबिक, सरकारी शिक्षकों से कोरोना टेस्ट के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन बुधवार को नागरिक अस्पताल पहुंचे 20 से 25 शिक्षकों से टेस्ट की एवज में शुल्क मांगा गया। शिक्षकों का कहना है कि टेस्ट के लिए जब वह पर्ची बनवाने काउंटर पर गए, तो उनसे 600 से 1600 रुपये शुल्क देने को कहा गया। इससे नाराज शिक्षकों ने शुल्क लेने की सूरत में टेस्ट कराने से साफ इंकार कर दिया। बाद में जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकारी शिक्षकों से शुल्क नहीं लिया जाएगा। तब जाकर शिक्षक टेस्ट कराने को तैयार हुए।

बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले छह महीने से बंद पड़े सरकारी व निजी स्कूल खुल गए हैं। स्कूलों को कक्षा नौ से 12 तक विद्यार्थियों को बुलाने की अनुमति दी गई है। जिसके चलते शिक्षकों के कोरोना टेस्ट अनिवार्य किए गए हैं। उसमें भी विदेश यात्रा, दूसरे राज्य में जाने, शिक्षण संस्थान में जाने जैसे उद्देश्यों के लिए अगर कोई कोरोना टेस्ट कराता है, तो उसे शुल्क देना होगा। आरटी पीसीआर के 1600 और रेपिड एंटीजन टेस्ट के 650 रुपये देने होंगे। निजी स्कूल के शिक्षकों को शुल्क देना होगा। वहीं सरकारी कर्मचारियों को कोई शुल्क नहीं देना है। वर्जन..

शिक्षकों से शुल्क वसूला जाना ठीक नहीं है। सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। शिक्षकों की निशुल्क कोरोना संक्रमण की जांच की जाए।

- सतबीर डागर, सरकारी शिक्षक कोरोना संक्रमण की जांच के लिए लंबी-लंबी कतार लग रही है, लेकिन लोगों के लिए शारीरिक दूरी के नियम के कोई मायने नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में जांच कराने का क्या फायदा। स्वास्थ्य विभाग भी आंखें मूंदे हुए है। कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

- शारदा पराशर, सरकारी शिक्षक मुझे तो मालूम था कि सरकारी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण की जांच के लिए कोई शुल्क नहीं देना है। मैंने तो निशुल्क जांच कराई, लेकिन जिले के कई शिक्षक हैं, जिनको इसके बारे में नहीं पता है। प्रशासन को चाहिए कि इस पर कोई दिशा-निर्देश जारी करे।

- महेंद्र चौहान, सरकारी शिक्षक यह तो स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही है। सबकुछ जानते हुए भी हमसे शुल्क मांगा जा रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए कि वे कौन लोग हैं, जो सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।

- राजेंद्र सिंह, सरकारी शिक्षक सरकारी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण की जांच के लिए शुल्क नहीं देना है। यदि कोई शुल्क लेने की बात करता है, तो तुरंत शिकायत करें। संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ.सुषमा, प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग


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