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कृषि कानून विरोधियों के पास कोई तथ्य नहीं : धनखड़

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने शुक्रवार को भुडेर पाल के बड़े गांव धतीर में सत्य तथ्य व किसान कार्यक्रम में किसानों से संवाद करते हुए कहा है कि कृषि सुधार कानून किसानों की खुशहाली का प्रमाण पत्र हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:16 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:16 PM (IST)
कृषि कानून विरोधियों के पास कोई तथ्य नहीं : धनखड़
कृषि कानून विरोधियों के पास कोई तथ्य नहीं : धनखड़

जागरण संवाददाता, पलवल : भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने शुक्रवार को भुडेर पाल के बड़े गांव धतीर में सत्य, तथ्य व किसान कार्यक्रम में किसानों से संवाद करते हुए कहा है कि कृषि सुधार कानून किसानों की खुशहाली का प्रमाण पत्र हैं। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों के पास कोई तथ्य नहीं है। ग्रामीणों व किसानों से संवाद करते हुए ठेठ अंदाज में धनखड़ ने कहा कि कानून का अंदेशे पर विरोध हो रहा है ना कि संदेशे पर। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व चेयरमैन चौधरी बलबीर सिंह ने की व संयोजन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गिर्राज डागर ने किया। जिलाध्यक्ष चरण सिंह तेवतिया ने धन्यवाद संबोधन दिया।

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भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि तीनों कृषि सुधार कानून आज के समय में सबसे चर्चित विषय है। कानूनों के पक्ष में तर्क देते हुए उन्होंने बताया कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है कि कांट्रेक्ट फार्मिंग में किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। जबकि, सच यह है कि इस कानून से कृषि की एडवांस मार्केटिंग हो पाएगी और किसानों को अधिक मुनाफा होगा। उन्नत खेती का उदाहरण देते हुए धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री रहते इजराइल के दौरे पर प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि खेती ऐसी हो, जिसमें पूर्वनिर्धारित फसल के दाम, खेती में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन और कम से कम जोखिम हो। सम्मेलन में भुडेर पाल, डागर, तेवतिया, रंगीला, सहरावत, चौहान, बडगुजर पालों के प्रतिनिधियों ने धनखड़ का पगड़ी बांध कर स्वागत किया। कार्यकर्ताओं को सिखाए गुर :

जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि कानून में किसान पक्ष को अधिक मजबूती दी गई है। किसान करार रद कर सकता है ना की व्यापारी। यदि व्यापारी करार रद करता है तो उसे करार की 150 फीसद राशि किसान को देनी पड़ेगी और यदि किसान करार रद करता है तो उसको व्यापारी की सिर्फ लागत ही देनी पड़ेगी। एसडीएम को फैसले का अधिकार कानून में इसलिए दिया गया है ताकि वो 30 दिन के अंदर फैसला देने के लिए बाध्य हो, हालांकि अब इसमें कोर्ट को भी शामिल किया गया है। आढ़तियों को भी नए कानून से नुकसान नहीं होगा। एमएसपी पहले की तरह रहेगी और एमएसपी खत्म होने का बातें सिर्फ भ्रम है। पुलिस के थे पुख्ता प्रबंध :

कृषि कानून विरोधी लोग कोई व्यवधान पैदा न कर सकें, इसके लिए पुलिस ने पुख्ता बंदोबस्त किए थे। कार्यक्रम स्थल पर डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बता दें कि सीआइडी को रिपोर्ट में कार्यक्रम के विरोध का अंदेशा जताया गया था, जिसके चलते गुप्तचर विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक ने पत्र जारी कर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रखने को कहा था। हालांकि, सारा कार्यक्रम शांतिपूर्वक निपट गया। ये नेता रहे मौजूद :

कार्यक्रमों में होडल के विधायक जगदीश नायर, हथीन के विधायक प्रवीण डागर, पूर्व मंत्री सुभाष कत्याल, पूर्व विधायक सुभाष चौधरी व रामरतन, पूर्व चेयरमैन पशुधन बोर्ड मेहर चंद गहलोत, पूर्व जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह सौरोत, चंद्रभान गुप्ता व एलडी वर्मा, भाजयुमो नेता गौरव गौतम, युवा नेता कुंवर मुकेश राणा, जिला महामंत्री वीरपाल दीक्षित व राजेन्द्र बैंसला, भूपराम पाठक, कर्मवीर यादव, राजीव कत्याल, अजय डागर, योगेश नौहवार, संजय सिंह राणा, महेंद्र भड़ाना, महावीर सरपंच

,गंगा लाल गोयल, ईश्वर सिंह ,देवांशु गौड़, रश्मि सहरावत, ताहिर सरपंच, यशपाल भारद्वाज, महेश सेवली, गीता सौरोत, विजय सिगला, संजय भारद्वाज, जय सिंह चौहान, यशमा सिंह, सुनील कुमार, शिवकुमार, राकेश गर्ग, सुरेंद्र सिगला, सुरेंद्र तंवर, मुख्य रूप से मौजूद रहे।


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