अब ज्यादा बीमारियों का इलाज मुफ्त करा सकेंगे गरीब मरीज
आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को 157 और पैकेज दे दिए हैं। इस स्कीम के तहत पहले 1350 पैकेज निर्धारित किए हुए थे। इनमें आंखों के ऑप्रेशन हार्निया पित्त की थैली अपेंडिक्स बच्चेदानी की रसौली आदि के ऑप्रेशन व इलाज शामिल नहीं थे।
विनोद शर्मा, पलवल
आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ लेने वाले परिवारों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी एक नोटिफिकेशन में पलवल के छह निजी अस्पतालों को 157 और नए पैकेज दे दिए हैं। इस योजना के तहत पहले निर्धारित पैकेज में आंखों के ऑप्रेशन, हर्निया, पित्त की थैली, अपेंडिक्स, बच्चेदानी की रसौली आदि के ऑप्रेशन व इलाज शामिल नहीं थे। इनका इलाज सरकारी अस्पताल में ही होता था, परंतु अब स्वास्थ्य विभाग ने नया नोटिफिकेश जारी करके निजी अस्पतालों में भी इन बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध करवा दी है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों को 157 पैकेज और दिए जाने से जरूरतमंद मरीजों को लाभ होगा। पहले इस योजना में अनेक बीमारियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को अनुमति नहीं थी, अब विभाग ने उन बीमारियों को भी इस पैकेज में शामिल कर लिया है। आंखों के ऑप्रेशन व अन्य बीमारियों के इलाज की निजी अस्पतालों में सुविधा दिए जाने के बाद जहां सरकारी अस्पतालों से मरीजों की भीड़ घटेगी, वहीं मरीजों को भी निजी अस्पताल की सेवाएं मिल सकेंगी।
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जिले के 58009 परिवारों के लिए अब छह अस्पताल
आयुष्मान योजना के तहत जिले में 58,009 परिवारों का पंजीकरण किया गया है। पंजीकृत परिवारों में से 36,000 परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी कर दिए हैं, यानि वे इस योजना का लाभ ले चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना के तहत जो पैकेज बनाए हैं उनके तहत मरीज को अस्पताल में इलाज करवाने, रहने, भोजन, दवाइयां आदि की सुविधा शामिल है। योजना के तहत पहले पैनल पर जिले के तीन निजी अस्पताल क्रमश: राहुल अस्पताल, पलवल अस्पताल व सत्या सांई अस्पताल शामिल थे। अब गोल्डन अस्पताल, कोसमोस अस्पताल व गुरू नानक अस्पताल को भी पैनल पर लिया गया है। यानि अब छह निजी अस्पतालों में भी आयुष्मान योजना के तहत इलाज उपलब्ध है।
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आयुष्मान योजना में विभाग ने 157 रिजर्व पैकेज को निजी अस्पतालों को दिया है। इन पैकेज में आंखों के ऑप्रेशन, हार्निया, पित्त की थैली आदि के आप्रेशन सहित कई ऐसे ऑप्रेशन शामिल हैं, जो पहले सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही होते थे। परंतु अब ये निजी अस्पतालों में भी हो सकेंगे। इससे रोगियों को काफी लाभ होगा।
- डॉ. सुषमा चौधरी, डिप्टी सीएमओ व मीडिया प्रवक्ता