लीड़...लंबे संघर्ष के बाद भादस को नसीब होगा पीने का पानी
करीब दस साल के लंबे संघर्ष के बाद अब भादस गांव को पीने का पानी नसीब होगा। समाजसेवी सलमान अख्तर के प्रयासों के चलते जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने गांव की पेयजल लाइन के लिए करीब एक करोड़
जागरण संवाददाता, नूंह:
करीब दस साल के लंबे संघर्ष के बाद अब भादस गांव को पीने का पानी नसीब होगा। समाजसेवी सलमान अख्तर के प्रयासों के चलते जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने गांव की पेयजल लाइन के लिए करीब एक करोड़ 86 लाख रुपये मंजूर कर दिए हैं। उक्त लागत से गांव में साढ़े सात किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी। इन लाइन से गांव के सभी घरों को जोड़ा जाएगा, जिसके बाद लाइन का कनेक्शन गांव में बने चैंबर से होगा। समाजसेवी सलमान अख्तर ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है।
बता दें, कि पिछले दस सालों से भादस गांव के लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं। रेनीवेल परियोजना के तहत गांव में पानी का चैंबर तो बना दिया गया, लेकिन गांव में लाइन तक नहीं बिछाई गई। जिसके कारण गांव के लोगों को दूर-दराज के क्षेत्रों से सिर पर पानी ढोकर लाना पड़ रहा था।
विशेष बात ये थी कि ग्रामीण प्रति माह करीब तीन लाख रुपये का पानी टैंकरों से मोल खरीदकर पीते थे। ग्रामीणों की इस समस्या को गांव के ही युवा समाजसेवी सलमान अख्तर ने उठाया। उन्होंने गांव की समस्या को लेकर उपायुक्त, सीटीएम व एक्सइएन से भी मुलाकात की। हालांकि अधिकारियों से आश्वासन तो मिले, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसके बाद भी उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा। हाल ही में शुक्रवार को सलमान अख्तर पंचकूला में जनस्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलने पहुंचे। पंचकूला पहुंचकर उनकी मेहनत रंग लाई।
शनिवार को गांव के लिए करीब एक करोड़ 86 लाख रुपये मंजूर हो गए। ग्रामीण काला ठेकेदार, मौलवी रूकमुद्दीन, साहबुद्दीन पंच, अब्दुल खान, नसरूद्दीन, तौफिक पंच, हारून ठेकेदार व जुहरूद्दीन सहित दर्जनों ग्रामीणों ने युवा समाजसेवी सलमान अख्तर व विभाग का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सलमान अख्तर के प्रयासों की बदौलत ही गांव को पानी नसीब हो पाया है। समाजसेवी सलमान अख्तर ने बताया कि इस पेयजल लाइन के बिछाने के बाद गांव की खेड़ा ऊपर बस्ती व तकिया बस्ती में भी लोगों को पानी नसीब होगा।