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विभाग की लापरवाही के चलते गोकलपुर में नहीं पहुंच रहा पानी

खंड के गांव गोकलपुर में जन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते पीने के पानी नहीं पहुंच पा रहा है। आरोप है कि पानी का टैंक कई वर्षो से सूखा पडा है जिसकी तरफ जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी की किल्लत को लेकर वह कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान तो दूर आज तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी पानी के सूखे टैंक तक को देखने नहीं पहुंचे। लोगों का कहना है कि जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनके भो

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 04:58 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 04:58 PM (IST)
विभाग की लापरवाही के चलते गोकलपुर में नहीं पहुंच रहा पानी
विभाग की लापरवाही के चलते गोकलपुर में नहीं पहुंच रहा पानी

जागरण संवाददाता, पिनगवां:

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खंड के गांव गोकलपुर में जन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते पीने का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। आरोप है कि पानी का टैंक कई वर्षों से सूखा पडा है, जिसकी तरफ जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी की किल्लत को लेकर वह कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान तो दूर आज तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी पानी के सूखे टैंक तक को देखने नहीं पहुंचे।

लोगों का कहना है कि जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनके भोलेपन का फायदा उठा रहे हैं। ग्रामीण आजाद, गनी, हारुन, जाकिर ब्लॉक समीति मेम्बर, शौकीन, आरिफ आदि ने बताया कि उनके गांव गोकलपुर में करीब तीन साल पहले जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए टैंक बनवाया गया था। इसे मल्हाका आइबेस से जोड़ा गया था। ग्रामीणों के मुताबिक टैंक में एक या दो बार ही पानी को छोड़ा गया, लेकिन बाद में तीन साल यूं ही बीत गए, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके चलते आज भी गोकलपुर में पानी का टैंक सूखा पडा हुआ है। यदि गांव में बने पानी के टैंक के हालातों को देखा जाए तो स्पष्ट तौर पर अधिकारियों की लापरवाही नजर आती है। जब इस बारे में अकील अहमद जेई से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल गांव में पानी की किल्लत मौजूद है, कोशिश है कि जल्दी ही उसका समाधान कराया जाएगा। मैंने अभी ज्वाइ¨नग की है, इससे पहले यहां पर जो कमियां हुई हैं उनकी मुझे जानकारी नहीं है। अगर गांव में इस तरह की कोई समस्या है तो जल्दी ही उसका समाधान कराया जाएगा।

-सुधीर रणशीवाल, एक्सइएन, रेनीवेल परियोजना नूंह।


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