जाति नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर करेंगे मतदान
प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनावों में अब अधिक समय नहीं बचा है। चुनावों को लेकर सभी उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। लेकिन इस बार मतदाता भी पूरी तरह से जागरूक नजर आ रहे हैं। मतदाता भी उम्मीदवारों से वर्तमान एवं पूर्व में जनता से किए गए वादों की खुलकर चर्चा कर रहे हैं। सभी पार्टियों के प्रतिनिधि एक-दूसरे को जिले के विकास के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। किस के सर पर सांसद का ताज बंधेगा तो आने वाली 23 मई को ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन उससे पूर्व क्षेत्र के मतदाता भी जिले के पिछड़ेपन गरीबी अशिक्षा रेल नहरी पानी विश्वविद्यालय सहित कई प्रमुख मांगों को लेकर चर्चा करते नजर आ रहे हैं। शनिवार को नूंह के पुरानी तहसील कार्यालय के सामने चाय की दुकान पर चुनावी रंग खूब चढ़ा। तहसील पर विभिन्न गांवों के लोगों का कहना है कि इस बार जाति नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर मतदान करेंगे।
जागरण संवाददाता, नूंह: प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनावों में अब अधिक समय नहीं बचा है। चुनावों को लेकर सभी उम्मीदवार अलग-अलग तरीकों से मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। मगर इस बार मतदाता भी पूरी तरह से सतर्क और जागरूक नजर आ रहे हैं। मतदाता भी उम्मीदवारों से वर्तमान एवं पूर्व में जनता से किए गए वादों को लेकर खुलकर चर्चा कर रहे हैं। सभी पार्टियों के प्रतिनिधि एक-दूसरे को जिले के विकास के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। किसके सिर पर सांसद का ताज बंधेगा तो आने वाली 23 मई को ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन उससे पूर्व क्षेत्र के मतदाता भी जिले के पिछड़ेपन, अशिक्षा, रेल, नहरी पानी, विश्वविद्यालय समेत कई प्रमुख मांगों को लेकर चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
शनिवार को नूंह के पुरानी तहसील कार्यालय के सामने चाय की दुकान पर चुनावी रंग खूब चढ़ा। तहसील पर अपने कार्यो को लेकर हर दिन विभिन्न गांवों के लोगों का जमावड़ा रहता है। जिससे उनसे जानने की कोशिश की गई की इस बार आगामी 12 मई को होने वाले चुनावों को लेकर वह क्या सोच रहे हैं। कैसे उम्मीदवार को अपना वोट देना पंसद करेंगे आदि कई प्रश्नों के उतर लोगों से जानने चाहे। जिस पर सीधे तौर पर उन्होंने विकास को जिले में चुनावों के दौरान बड़ा मुद्दा बताया। इस दौरान मुख्य रूप से मुबीन मेवली, युसूफ घासेड़ा, बुरहान आकेड़ा, इब्राहिम और सहसमल कोटला समेत अन्य लोगों ने बताया कि आजादी के बाद अब राजनेताओं को बदलना चाहिए। झूठे आश्वासन अब नहीं चलने वाले हैं। अब लोगों को बेहतर शिक्षा, युवाओं को रोजगार, लचर परिवहन व्यवस्था, बिजली, पानी सहित हर व्यक्ति को संविधान के अनुसार दिए गए अधिकारों को ध्यान में रखकर सुविधा मुहैया करानी सभी सरकारों की नैतिक जिम्मेदारी है। जाति, गोत्रपाल, मजहब अब अधिक समय तक नहीं चलने वाला है। ऐसे उन्होंने कहा कि वह सोच समझकर वोट करेंगे। जो जिले की आवाम को बेहतर कल दे सके।