आदर्श गांव घासेड़ा में समस्याओं का अंबार
ऐसे में उन्होंने उपायुक्त से मांग की उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कराए। ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते से जुड़ी सभी गलियां कच्ची होने से पानी हमेशा जमा रहता है। रास्ता पार करते हुए स्कूली बच्चों के बैग तथा कपड़े खराब हो जाते है। इसके अलावा बिजली पानी शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाली सुविधाओं का भी गांव में भारी अभाव है। उन्होंने कहा कि इस बाबत विभाग को सूचित भी किया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस रास्ते को जल्द से जल्द बनवाने की मांग की है। -------- सरकार गांवों के विकास को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। अगर
जागरण संवाददाता, नूंह: आदर्श गांव घासेड़ा में इन दिनों कई समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। गांव के विकास पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भी गांव के मुख्य मांर्गो में भारी कीचड़ जमा हो रहा है। इससे ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने उपायुक्त से मांग की है, कि उनके गांव की इस समस्या के साथ अन्य समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कराएं, जिससे उनको राहत मिल सके।
राशिद, तौफीक, आजाद, रमजान व अकबर ने बताया कि भले ही सरकार ने गांव को आदर्श गांवों की श्रेणी में जगह दी है, लेकिन गांव में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। हल्की सी बरसात होने पर लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि बड़े मदरसे से छपेड़ा की ओर जाने वाले गांव की फिरनी के जर्जर होने से उनको घरों से बाहर निकलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने उपायुक्त से मांग की कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कराए। इस रास्ते से जुड़ी सभी गलियां कच्ची होने से पानी हमेशा जमा रहता है। रास्ता पार करते हुए स्कूली बच्चों के बैग तथा कपड़े खराब हो जाते है। इसके अलावा बिजली, पानी, शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाली सुविधाओं का भी गांव में भारी अभाव है। उन्होंने कहा कि इस बाबत विभाग को सूचित भी किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस रास्ते को जल्द से जल्द बनवाने की मांग की है। सरकार गांवों के विकास को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। अगर गांव में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है, तो जल्द ही गांव का दौरा किया जाएगा। ग्रामीणों की समस्याओं का प्रमुखता से समाधान कराया जाएगा।
-राकेश मोर, डीडीपीओ, नूंह।