लाखों खर्च होने के बाद भी बजबजा रहा सीवेज
लोकसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही चुनावी मुद्दे भी गर्माने लगे हैं। शहर के लोगों का कहना है कि विकास को लेकर सरकार द्वारा लाखों रुपये की राशि तो दी गई लेकिन राशि को धरातल पर पूरा लगवाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे शहर का विकास तो दूर 5 वर्षों में लाखों खर्च होने के बाद भी गंदे पानी की निकासी तक के पुख्ता प्रबंध नहीं हो पाया है। जिससे बरसात ही नहीं बल्कि बिना बरसात के ही शहर के कई वार्डों में गंदा पानी सड़कों के साथ ही खुले स्थानों पर ठहरा रहता है। जिससे लोगों में सरकार के प्रति रोष है। शहरवासी सतपाल लक्ष्मण सुभाष राजेंद्र
संवाद सहयोगी, पुन्हाना :
लोकसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही चुनावी मुद्दे भी गर्माने लगे हैं। शहर के लोगों का कहना है कि विकास को लेकर सरकार द्वारा लाखों रुपये की राशि तो दी गई, लेकिन राशि को धरातल पर पूरा लगवाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे विकास तो दूर 5 वर्षों में लाखों खर्च होने के बाद भी गंदे पानी की निकासी तक का पुख्ता प्रबंध नहीं हो पाया है। जिससे बरसात ही नहीं बल्कि बिना बरसात के ही शहर के कई वार्डों में गंदा पानी सड़कों के साथ ही खुले स्थानों पर ठहरा रहता है। जिससे लोगों में सरकार के प्रति रोष है। शहरवासी सतपाल, लक्ष्मण, सुभाष, राजेंद्र सिंह, राजू, जीतू सहित लोगों ने बताया जहां सरकार ने नगर पालिका को विकास के लिए करोड़ों रुपये की राशि दी वहीं नगर पालिका द्वारा सिर्फ सड़कों को बनाने पर ही ध्यान दिया गया। जबकि सड़क से लगते हुए नाले भी बनाए गए लेकिन नालों से आगे गंदे पानी की निकासी की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं जो नाले पहले से ही बने हुए हैं उनकी नियमित साफ-सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। सफाई व गंदे पानी की निकासी के नाम पर लाखों रुपये जरूर खर्च हुए दिखाए गए। शहर के कई वार्डों में आज भी गर्मी के मौसम में घरों से लगते हुए स्थानों पर भारी मात्रा में गंदा पानी ठहरा हुआ है। नगर पालिका की लापरवाही व सरकार की अनदेखी के चलते लोगों को गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है। वहीं गंदगी के चलते आए दिन लोग बीमार हो रहे हैं। उनका कहना है कि गंदे पानी की निकासी की समस्या को लेकर कई बार नगर पालिका से लेकर सरकार के समक्ष भी गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने भी समस्या के समाधान की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे अब चुनाव के समय में भाजपा सरकार द्वारा पानी की निकासी न हो पाना एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहेगा। जिससे वोट मांगने वाले हर उम्मीदवार के समक्ष जोर-शोर से उठाया जाएगा।