बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने से मिटेंगी समाज की बुराइयां : मित्तल
महिला एवं बाल विकास विभाग व मानव अधिकार आयोग हरियाणा की ओर से बाल विवाह रोकथाम व बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर राजकीय कन्या महाविद्यालय सालाहेड़ी में सेमिनार हुआ।
जागरण संवाददाता, नूंह : महिला एवं बाल विकास विभाग व मानव अधिकार आयोग हरियाणा की ओर से बाल विवाह रोकथाम व बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर शुक्रवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय, सालाहेड़ी में सेमिनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस (रिटा.) सतीश कुमार मित्तल मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाकर ही हम समाज से बुराइयों को मिटा सकते हैं। इसके लिए समाज के प्रत्येक नागरिक का सहयोग जरुरी है। बाल विवाह कराना एक कानूनी अपराध है और इस अपराध में जो लोग शमिल होते हैं व साथ देते हैं उनको दोषी करार दिया जाता है। अगर कहीं बाल विवाह हो रहा है तो उसकी सूचना तुरंत दें ताकि बाल-विवाह को रोका जा सके। बाल विवाह के दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना व दो साल की सजा का भी प्रावधान है। प्रदेश में लड़कियों की शिक्षा के लिए सभी सरकारी स्कूल में नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। प्रदेश में लिग अनुपात में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम से हम सभी यह प्रण लें कि अपने क्षेत्र में बाल विवाह नहीं होने देंगे और बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाएंगे।
मित्तल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के तीन जिले नूंह, सिरसा व फतेहाबाद को प्राथमिकता के आधार पर चुना गया है, क्योंकि इन जिलों से बाल विवाह की शिकायतें दूसरे जिलों की बजाय ज्यादा मिल रही हैं। इस कार्यक्रम में विधायक आफताब अहमद व पुन्हाना के विधायक मोहम्मद इलियास ने भी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नूंह जिले से इस बुराई को मिटाने के लिए सभी का सहयोग और शिक्षा का अहम योगदान रहेगा। जिले में महिला शिक्षा के क्षेत्र में पहले से सुधार हुआ है लेकिन अभी महिला शिक्षा को और तेजी से आगे बढ़ाना होगा। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि मेवात जैसे पिछड़े जिले में इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम जरूरी है।