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वीटा के उत्पादों को घर-घर पहुंचाने की तैयारी

क्षेत्र में दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वीटा ब्रांड नाम से दुग्ध उत्पाद बेचने वाली हरियाणा डेयरी फेडरेशन द्वारा अब घर-घर दुध पहुंचाने के लिए नई योजना तैयार की गई। जिसके तहत क्षेत्र के दर्जनों गांवों में वीटा बूथ स्थापित किए जाएंगे। इन सभी बूथों पर केवल वीटा के दुग्ध उत्पाद ही बेचे जाएंगे। दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वीटा द्वारा यह कदम उठाया गया..

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 06:43 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 06:43 PM (IST)
वीटा के उत्पादों को घर-घर पहुंचाने की तैयारी
वीटा के उत्पादों को घर-घर पहुंचाने की तैयारी

अंतराम खटाना, नूंह

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क्षेत्र में दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वीटा ब्रांड नाम से दुग्ध उत्पाद बेचने वाली हरियाणा डेयरी फेडरेशन द्वारा अब घर-घर दूध पहुंचाने के लिए नई योजना तैयार की गई है। इसके तहत क्षेत्र के दर्जनों गांवों में वीटा बूथ स्थापित किए जाएंगे। इन सभी बूथों पर केवल वीटा के दुग्ध उत्पाद ही बेचे जाएंगे। दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वीटा द्वारा यह कदम उठाया गया है।

ग्रामीण स्तर पर लोगों को वीटा के उत्पादों की सुविधा मुहैया कराने की ये बड़ी पहल। वीटा के उत्पादों की प्राप्ति के लिए ग्रामीणों को अब शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वीटा किसान, पशुपालक और सरकार की संस्था है। वीटा अपना उत्पाद अन्य संस्थानों के मुकाबले अच्छी गुणवत्ता के साथ सस्ती दरों पर उपलब्ध कराती है। प्रारंभ में नूंह खंड के आधा दर्जन गांवों से शुरुआत की जा रही है। उसके बाद अगले चरण में जिले के अन्य गांवों को शामिल किया जाएगा। वीटा द्वारा गांवों में दुग्ध की समितियां चला रहे लोगों को ही वीटा बूथ दिए जाएंगे। जहां पर लोगों को दूध से बने हर प्रकार के प्रोडक्ट उपलब्ध कराएं जाएंगे। इनका मिलेगा लाभ :

दूध, दही, मीठी दही, छाछ, नमकीन लस्सी, पनीर, घी, रबड़ी अन्य कई प्रकार के दुग्ध उत्पादन लोगों को मुहैया कराएं जाएंगे। पूर्व में लोगों ग्रामीणों को अपनी इन जरूरत को पूरा करने के लिए शहरों का रूख करना पड़ता था। अब जल्द ही वह दुग्ध उत्पादकों का लाभ उठा सकते हैं। वीटा दे रही उत्पादों में शुद्धता :

ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर लोग आज अभावों में जी रहे हैं। जिनको अपनी खानपान संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। शहर कस्बों से दूर होने के कारण वह दुग्ध उत्पादकों का लाभ नहीं ले रहे हैं। ऐसे में गांवों में वीटा बूथ खुलने से वह अपनी खानपान संबंधी जरूरत को पूरा कर सकते हैं। जिससे उनके स्वास्थ्य में भी काफी सुधार की उम्मीद है। वीटा द्वारा बाजार में लोगों को उपलब्ध कराएं जाने वाले उत्पादों में पूरी शुद्धता दी जा रही है। जिससे लोगों का रूझान वीटा उत्पादकों की ओर बढ़ रहा है। इन गांवों में स्थापित होंगे बूथ :

वीटा द्वारा रेहना, टपकन, बीवां, सादई, चंदेनी, मालब, मेवली, मुरादबास, अड़बर, रायपुरी सहित अन्य गांवों में वीटा बूथ स्थापित करने का फैसला लिया गया है। इन गांवों में पूर्व में दुग्ध समिति चला रहे लोगों को वीटा के बूथ उपलब्ध कराएं जाएंगे। पशुपालक बनेंगे खुशहाल :

गांवों में अगर वीटा के उत्पादकों की मांग बढ़ती है, तो निश्चित तौर पर पशुपालकों को लाभ मिलेगा। आज जिले के सैकड़ों किसान अपने दूध को गांवों में वीटा की समितियों से उचित रेट में बेच रहे हैं जिससे वह दूधिया के शोषण से भी बच रहे हैं। गांवों में बूथ स्थापित होने से गांवों के पशुपालक खुशहाल बनेंगे। वीटा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की दुग्ध पदार्थो की मांग को देखते हुए बूथ खोलने का निर्णय लिया गया है। यहां पर गांवों के लोग अपनी जेब के अनुसार दूध, लस्सी, पनीर व घी को खरीद सकते हैं। प्रारंभ में सीमित गांवों में बूथ स्थापित किए गए है। भविष्य में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादनों को पहुंचाया जाएगा।

प्रहलाद ¨सह, मैनेजर, वीटा मिल्क चि¨लग सेंटर नूंह।


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