लीकेज लाइन से बर्बाद हो रहा पेयजल
जिले में जहां एक ओर पानी की विकराल समस्या है वहीं दूसरी ओर विभाग की लापरवाही के चलते पेयजल व्यर्थ बह रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों का इस ओर ध्यान ही नहीं है। नूंह-पलवल रोड पर निर्माणाधीन जिला कारागार के समीप पिछले एक माह से रेनीवेल परियोजना के तहत नूंह आ रही लाइन टूटी हुई है। यहां हर समय लाइन से निकलने वाला पानी जमा रहता है। जब लाइन बंद होती है तो यही पानी गंदगी के रूप में वापिस लाइन में चला जाता है। इससे जहां लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता वहीं जो पानी उन्हें मिलता है वह भी गंदा रहता है। शहरवासी सुरेश, जाकिर,
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- पानी की किल्लत होने के बाद भी विभाग गंभीर नहीं
- जिले में लीकेज लाइनों से व्यर्थ बहता है पेयजल
जागरण संवाददाता, नूंह : जिले में जहां एक ओर पानी की विकराल समस्या है वहीं दूसरी ओर विभाग की लापरवाही के चलते पेयजल व्यर्थ बह रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों का इस ओर ध्यान ही नहीं है। नूंह-पलवल रोड पर निर्माणाधीन जिला कारागार के समीप पिछले एक माह से रेनीवेल परियोजना के तहत नूंह आ रही लाइन टूटी हुई है। यहां हर समय लाइन से निकलने वाला पानी जमा रहता है। जब लाइन बंद होती है तो यही पानी गंदगी के रूप में वापिस लाइन में चला जाता है। इससे जहां लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता वहीं जो पानी उन्हें मिलता है वह भी गंदा रहता है।
शहरवासी सुरेश, जाकिर, दिनेश, ताहिर, मुबारिक, मुबीन, असलम आदि ने बताया कि इस रोड से विभागीय अधिकारियों का भी आना-जाना लगा रहता है। लेकिन किसी अधिकारी की नजर इस टूटी पाइपलाइन पर नहीं पड़ती। यही कारण है कि एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस लाइन को रेनीवेल परियोजना अधिकारियों ने दुरुस्त नहीं कराया है। उन्होंने बताया कि सूरज आसमान से आग उगल रहा है। इससे हर जगह पेयजल संकट गहरा गया है जिसका कारण विभागीय लापरवाही भी है। विभागीय की लापरवाही के चलते टूटी या लीकेज लाइनों को समय पर ठीक नहीं कराया जाता। इससे नियमित पेयजल आपूर्ति बाधित होती है और शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या पैदा होती है। अगर समय रहते विभाग इन समस्याओं पर ध्यान दे तो पेयजल संकट से निपटा जा सकता है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि रेनीवेल परियोजना के अधिकारी निर्माणाधीन जिला कारागार के समीप टूटी लाइन को जल्द से जल्द दुरुस्त कराएं ताकि पेयजल आपूर्ति नियमित हो सके।