बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, तापमान में आई गिरावट
पिछले कुछ दिनों से हो रही मौसम की उठापटक किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, नूंह : पिछले कुछ दिनों से हो रही मौसम की उठापटक किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। दरअसल इस समय क्षेत्र के किसानों ने अपने खेतों में बाजरा, कपास और धान की फसल की बिजाई की हुई है। अमूमन यहां बाजारे की फसल खेतों में पकी खड़ी है और कपास के टिडे भी पूरी तरह से खिल चुके हैं। जहां बाजरे की कटाई शुरू होने के कगार पर है वहीं कपास की टिडे से निकालने का काम भी जारी है। किसानों को डर है कि अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा है तो बाजरे और कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
बता दें, कि इस वर्ष करीब 26,600 हेक्टेयर रकबे में बाजरे और करीब 6000 हेक्टेयर में कपास की फसल की बिजाई की गई है। पिछले कई वर्षों की तुलना में इस बार बाजरे की बंपर पैदावार इलाके में देखी जा रही है। वहीं मुनाफे को लेकर इस बार करीब 1000 हेक्टेयर रकबा कपास का भी बढ़ा है। लेकिन अचानक बिगड़े मौसम ने किसानों के माथे पर न केवल चिता की लकीर खींच दी है बल्कि उन्हें उनकी फसल के खराब होने का खतरा भी दिखाई दे रहा है।
उधर, कृषि विभाग के अनुसार अभी जिले में फसल खराबे की कोई सूचना नहीं है। हां अगर बारिश जारी रहती है तो दोनों फसलों को इससे नुकसान हो सकता है। आज से अनाजमंडी में भी शुरू होगी बाजरे की खरीद :
मौसम की उठापटक के बीच जिला प्रशासन ने मंगलवार से अनाजमंडी में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। इसके लिए प्रशासन द्वारा मार्केट कमेटी के अधिकारियों को तैयारियां पूरी करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। अनाज मंडियों में बाजरे की खरीद को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लेकिन बारिश के चलते अनाज मंडी में बाजरे के पहुंचने की संभावना बहुत कम लगाई जा रही है। क्योंकि खराब मौसम के कारण बाजरे की थ्रेसिग का कार्य भी ठप हो चुका है। तापमान में आई गिरावट :
क्षेत्र में लगातार हो रही बूंदाबांदी के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया वहीं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे लोगों को सुबह-शाम ठंड का भी अहसास होने लगा है। प्रादेशिक मौसम केंद्र नई दिल्ली के अनुसार अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी क्षेत्र में बारिश की संभावना है जिससे तापमान में और गिरावट हो सकती है। सोमवार को हुई बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। बाजरे में नमी जरूर आएगी, लेकिन किसान बाजरे की फसल को सुखाकर ही मंडी लाएं। इसके साथ-साथ बाजरे की थ्रेसिग भी फसल सूखने के बाद ही करें। जिससे उन्हें परेशानी ना हो।
- डा. अजीत सिंह, एसडीओ कृषि विभाग