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कोर्ट ने दी राहत, जांच के बाद ईट भट्ठा का लाइसेंस रद

पांच साल की लंबी लड़ाई के बाद टांई निवासी खातूनी को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट के आदेशों पर टांई गांव में चल रहे ईंट भट्टे की उपायुक्त पंकज कुमार द्वारा जांच कराई गई। जिसमें ईंट भट्टा दि हरियाणा कंट्रोल ऑफ ब्रिक्स सप्लाई ऑर्डर 1972 की धारा 4 के तहत नियम व शर्तों को पूर्ण नहीं करता पाया गया। जिसके आधार पर उपायुक्त पंकज कुमार ने टांई गांव स्थिति मैसर्ज विकास ब्रिक्स सेंटर के लाइसेंस को रद कर दिया है। इसके साथ-साथ उपायुक्त ने महानिदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को एक पत्र भेजकर तत्कालीन सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी नूंह द्वारा दी गई गलत रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है। बता दें कि टांई निवासी खातुनी सहित अन्य 20 परिवारों के घर

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 06:48 AM (IST)
कोर्ट ने दी राहत, जांच के बाद ईट भट्ठा का लाइसेंस रद
कोर्ट ने दी राहत, जांच के बाद ईट भट्ठा का लाइसेंस रद

जागरण संवाददाता, नूंह : पांच साल की लंबी लड़ाई के बाद टांई निवासी खातूनी को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट के आदेशों पर टांई गांव में चल रहे ईंट भट्टे की उपायुक्त पंकज कुमार द्वारा जांच कराई गई। इसमें ईंट भट्टा दि हरियाणा कंट्रोल ऑफ ब्रिक्स सप्लाई ऑर्डर, 1972 की धारा 4 के तहत नियम व शर्तों को पूर्ण नहीं करता पाया गया। इसके आधार पर उपायुक्त पंकज कुमार ने टांई गांव स्थिति मैसर्ज विकास ब्रिक्स सेंटर के लाइसेंस को रद कर दिया है। इसके साथ-साथ उपायुक्त ने महानिदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को एक पत्र भेजकर तत्कालीन सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी नूंह द्वारा दी गई गलत रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है।

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बता दें कि टांई निवासी खातूनी सहित अन्य 20 परिवारों के घर के नजदीक वर्ष 2014 में मैसर्ज विकास ब्रिक्स सेंटर खोला गया। उक्त परिवारों ने इस ईंट भट्ठे का विरोध भी किया था। लेकिन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ईंट भट्ठा को शुरू करा दिया गया। इसके बाद से ही उक्त परिवार प्रदूषण का शिकार हो रहे थे और लोगों में चर्म रोग की बीमारी बढ़ने लगी थी।

मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने भी लोगों में हो रही बीमारी का कारण प्रदूषण को ही ठहराया, जिसके बाद खातूनी ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों से परेशान होकर खातूनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने इसी वर्ष तीन मार्च को उपायुक्त को पत्र भेजकर मामले की जांच कराने के आदेश दिए।

याचिका में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सहायक अधिकारी खाद्य एवं आपूर्ति, तहसीलदार नूंह व प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड गुरुग्राम की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने रिपोर्ट में बताया कि यह भट्ठा तय नियमों के अनुरूप की चलाया जा रहा है। इसके बाद 4 अप्रैल को खातूनी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपायुक्त कार्यालय बुलाया गया। वहां पता चला कि ईंट भट्ठा से 800 मीटर की दूरी के अंदर करीब 20 घर बने हुए हैं।

उपायुक्त द्वारा दोबारा संयुक्त जांच टीम से रिपोर्ट मांगी गई, जिसमें पता चला कि ईंट भट्ठा गांव की फिरनी से 722 मीटर की दूरी पर है। व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान ईंट भट्ठा संचालक ने भी उक्त बात को स्वीकार किया। इसके बाद उपायुक्त ने ईंट भट्ठे का लाइसेंस रद कर दिया। पांच साल से लड़ाई लड़ रहे परिवार ने राहत की सांस लेते हुए कानून व्यवस्था में भरोसा जताया है। दि हरियाणा कंट्रोल ऑफ ब्रिक्स सप्लाई ऑर्डर, 1972 की धारा 4 के तहत नियम व शर्तों को पूर्ण नहीं करता पाया गया। उक्त ईंट भट्टा गांव की फिरनी से 722 मीटर की दूरी पर चल रहा है। इसके आधार पर ईंट भट्टा का लाइसेंस रद किया गया है।

- पंकज कुमार, उपायुक्त नूंह


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