राजस्थान के बाजरे को नूंह अनाजमंडी में बैचने की तैयारी
मार्केट कमेटी की अनदेखी के चलते व्यापारी बड़ा झोल करने के चक्कर में हैं। बाजरे की खरीद को लेकर सरकार पहले ही 1950 रुपये समर्थन मूल्य तय कर चुकी है। लेकिन इसके लिए किसानों को ई-पोर्टल पर जमीन का ब्योरा सहित कई तरह की जानकारी मुहैया करानी होंगी। ऐसे में अधिकतर किसान उन शर्तों को पूरा ही नहीं कर पा रहे हैं। अब इस बीच किसानों की मजबूरी का फायदा उठाने के लिए व्यापारियों ने जुगत लगानी शुरू कर दी है। अभी नूंह का बाजरा मंडियों तक नहीं पहुंचा है, लेकिन व्यापारी राजस्थान के बाजरे को अभी से अपने गोदामों में जमा करने लगे हैं। सूत्रों से पता चला है कि बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होने के बाद इस बाजरे को नूंह की अनाजमंडी में बेचा जाएगा। ऐसे व्यापारियों द्वारा सरकार व मार्केट कमेटी चूना
जागरण संवाददाता, नूंह:
मार्केट कमेटी की अनदेखी के चलते व्यापारी बड़ा झोल करने के चक्कर में हैं। बाजरे की खरीद को लेकर सरकार पहले ही 1950 रुपये समर्थन मूल्य तय कर चुकी है। लेकिन इसके लिए किसानों को ई-पोर्टल पर जमीन का ब्योरा सहित कई तरह की जानकारी मुहैया करानी होंगी। ऐसे में अधिकतर किसान उन शर्तों को पूरा ही नहीं कर पा रहे हैं। अब इस बीच किसानों की मजबूरी का फायदा उठाने के लिए व्यापारियों ने जुगत लगानी शुरू कर दी है। अभी नूंह का बाजरा मंडियों तक नहीं पहुंचा है, लेकिन व्यापारी राजस्थान के बाजरे को अभी से अपने गोदामों में जमा करने लगे हैं।
सूत्रों से पता चला है कि बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होने के बाद इस बाजरे को नूंह की अनाजमंडी में बेचा जाएगा। ऐसे व्यापारियों द्वारा सरकार व मार्केट कमेटी चूना लगाया जाएगा। विशेष बात ये है कि यहां के व्यापारी नूंह के किसानों के बाजरे को कम दामों पर ही खरीदते हैं, लेकिन राजस्थान से सस्ते दामों पर बाजरे को खरीदकर उसे यहां सरकारी रेट पर बेचा जाएगा। हालांकि कमेटी अधिकारियों की मानें तो यह गलत है और इस पर वे कार्रवाई करने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन फिलहाल सभी अपनी आंखों को मूंदकर बैठे हुए हैं। सूत्रों से पता चला है कि व्यापारियों का यह खेल अभी जारी है। सस्ते दामों पर राजस्थान के बाजरे को खरीदकर नूंह की अनाजमंडी में बेचा जाएगा। राजस्थान नंबर के ट्रक व्यापारियों के गोदामों में बाजरे के बैगों को खाली करते देखे जा सकते हैं। नूंह में बाजरा आने के बाद उसे पहचानना मुश्किल हो जाएगा। जिसे फिर व्यापारी आसानी से खरीद एजेंसी को बेच सकेंगे। विशेष बात ये है कि सभी को इस बात की जानकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई करने को ही तैयार नहीं है। जिससे व्यापारी बैखोफ होकर बड़ी धांधली के चक्कर में हैं।
अक्सर देखा जाता है कि नूंह के किसानों की फसलों को लेने से मना कर दिया जाता है, लेकिन इसका कारण यही है कि नूंह के व्यापारी राजस्थान से फसल मंगवाते हैं। जिसके बाद खरीद एजेंसी अधिकारियों से सांठगांठ करके उसे समर्थन मूल्य पर बेच देते हैं। राजस्थान के बाजरे की जिले में खरीद नहीं होने दी जाएगी। अगर नूंह में ऐसा हो रहा है तो व्यापारियों के गोदामों पर छापेमारी की जाएगी। राजस्थान का बाजरा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजकुमार, सचिव मार्केट कमेटी नूंह।